हाईकोर्ट : चोकसी की याचिका खारिज, कुछ कारणों से नहीं दे सकते मेडिकल रिपोर्ट

HC : Choksis plea rejected, due to some reasons cannot give medical report
हाईकोर्ट : चोकसी की याचिका खारिज, कुछ कारणों से नहीं दे सकते मेडिकल रिपोर्ट
हाईकोर्ट : चोकसी की याचिका खारिज, कुछ कारणों से नहीं दे सकते मेडिकल रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने करोड़ो रुपए के  पंजाब नेशनल बैंक के (पीएनबी) घोटाले के मामले में आरोपी मेहुल चोकसी की याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में चोकेसी ने प्रतवर्तन निदेशालय(ईडी) के उस आवेदन को चुनौती दी थी जिसमें  ईडी ने पीएमएलए कोर्ट चोकसी को भगौड़ो आर्थिक अपराधी घोषित किए जाने का आग्रह किया था। इससे पहले चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने न्यायमूर्ति इंद्रजीत महंती व न्यायमूर्ति नितिन सूर्यवंशी की खंडपीठ के सामने कहा कि वे अपने मुवक्किल के स्वास्थ्य से जुड़ी रिपोर्ट जेजे अस्पताल को नहीं सौप सकते है। क्योंकि एंटीगुआ के डाक्टरों ने कुछ कारणो से मेरे मुवक्किल का इलाज करने से मना कर दिया है। मामले की पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने चोकसी के वकील को निर्देश दिया था कि वे अपने मुवक्किल के स्वास्थ्य से जुड़ी सारी रिपोर्ट जेजे अस्पताल को सौपे।

इस बीच ईडी के वकील हितने वेणेगांवकर ने चोकसी की याचिका का विरोध करते हुए याचिका को खारिज करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस याचिका के चलते निचली अदालत में प्रलंबित सुनवाई में विलंब हो रहा है। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने चोकसी के वकील ने कहा कि जब आपके वकील अपने खराब स्वास्थ्य के दावे को लेकर रिपोर्ट नहीं दे रहे है। ऐसे में बेहतर होगा कि वे इस याचिका को वापस ले ले। खंडपीठ ने अधिवक्ता अग्रवाल को याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी पर कहा कि इस याचिका को खारिज माना जाएगा। 

याचिका में चौकसी ने दावा किया था कि वह स्वास्थ्य कारणों से भारत आने में असमर्थ है। उसका कई डाक्टरों की निगरानी में उपचार चल रहा है। डाक्टरों ने उसे लंबी विमान यात्र करने से मना किया है। जिसके चलते वह भारत नहीं आ सकता है। इसलिए उसे भगौड़ा घोषित करने से जुड़े आवेदन पर सुनवाई न की जाए। 
इधर पीएनपी घोटाले के मामले में आरोपी नीरव मोदी ने भी विशेष अदालत में एक आवेदन दायर किया है। जिसमे उसने मांग की है कि उसे भगोड़ा अपराधी घोषित किए जाने के संबंध में ईडी की ओर से दायर किए गए आवेदन पर सुनवाई न की जाए। क्योंकि यह आपराधिक प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के खिलाफ है। 
 

Created On :   26 Aug 2019 3:37 PM GMT

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