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हाईकोर्ट ने जताई चिन्ता : आने पीढ़ी नहीं देख सकेगी तितली-गौरैया, समुद्र पाटने पर रोक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर के कोस्टल रोड प्रोजेक्ट के लिए दो सौ पेड़ो के काटे जाने के प्रस्ताव पर चिंता जाहिर करते हुए बांबे हाईकोर्ट ने कहा कि हम विकास की लालच में कृषि योग्य भूमि को बंजर बनाकर वहां पर इमारते खड़ी कर रहे हैं। यदि यही हाल रहा तो हमारी भावी पीढी गौरेया व तितलियों को नहीं देख पाएगी। महानगर के ब्रिचकैंडी इलाके में रहनेवाले लोगों ने टाटा गार्डन के पास स्थित 200 पेड़ों को मुंबई महानगरपालिका द्वारा काटे जाने को लेकर ‘सोसायटी फार इंप्रूवमेंट आफ ग्रिनरी एंड नेचर’ नामक संस्था की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।

गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नांदराजोग व न्यायमूर्ति एनएम जामदार की खंडपीठ के सामने इस याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि नागरिकों का पेड़ों को न काटे जाने का प्रस्ताव तार्किक नजर आ रहा है। हम विकास के लालच में कृषि योग्य भूमि को बंजर बना रहे हैं, जहां सिर्फ इमारते खड़ी हो रही है। ऐसी स्थिति में हमारी पीढी गौरेया व तितली तक नहीं देख पाएगी। खंडपीठ के इस रुख को देखने के बाद मुंबई मनपा की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल साखरे ने कहा कि हम मामले की अगली सुनवाई तक कोई पेड़ नहीं काटेंगे। इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 23 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी।
समुद्र को पाटने पर लगाई रोक
इस बीच खंडपीठ के सामने कोस्टल रोड प्रोजेक्ट को लेकर एक और याचिका सुनवाई के लिए आयी। जिसमें इस प्रोजेक्ट के लिए समुद्र पाटने का विरोध किया गया था। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई तक मनपा समुद्र को और न पाटे। मामले की सुनवाई को 23 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया। खंडपीठ ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई तक समुद्र में मलबा न डाला जाए।
Created On :   11 April 2019 8:08 PM IST