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टॉयलेट की खिड़की पर छुपाए थे दस्तावेज, HC से नहीं मिली राहत

डिजिटल डेस्क,मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कार्यालय से सरकारी दस्तावेज चुरानेवाले CBI के पुलिस कांस्टेबल को नौकरी से निकाले जाने के निर्णय को सही ठहराया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वीके ताहिलरमानी व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने पुलिस कांस्टेबल असलम मुल्ला की याचिका को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया है।
दस्तावेज टायलेट की खिड़की पर छुपाए थे
याचिका के मुताबिक 1995 में CBI की सेवा में शामिल हुए मुल्ला को नई मुंबई के कार्यालय में ड्यूटी दी गई थी। मुल्ला के मुताबिक उसने अपने सहकर्मियों के भ्रष्टाचार की शिकायत वरिष्ठों से की थी इसके साथ ही उन्हें कार्यालय में शराब पीने से रोका था। इसलिए उसे जुलाई 2005 में सेवा से बर्खास्त किया गया है। कार्यालय से दस्तावेज चुराने के आरोपों का खंडन करते हुए मुल्ला ने पहले केंद्रीय प्रशासकीय पंचाट (कैट) में आवेदन दायर किया था। लेकिन कैट ने मुल्ला के आवेदन को खारिज कर दिया। कैट के निर्णय के खिलाफ मुल्ला ने याचिका दायर कर हाईकोर्ट में अपील की। इस पर खंडपीठ के सामने सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मुल्ला के वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किल के खिलाफ जब विभागीय जांच की गई तो उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया। इसलिए नौकरी से बर्खास्त करने का निर्णय नैसर्गिक न्याय के सिध्दांत के खिलाफ है। मेरे मुवक्किल ने कोई आधिकारिक दस्तावेज नहीं लिए हैं। वहीं CBI के वकील ने कहा कि मुल्ला को कार्यालय के सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन जिस तरह से मुल्ला ने कार्यालय से आधिकारिक दस्तावेज चुराए हैं, वह दर्शाता है कि उनका अपने कार्य के प्रति समर्पण नहीं है। इसके अलावा मुल्ला ने कार्यालय के दस्तावेज चुराकर शौचालय की खिड़की के निकट छुपाए थे। इस बात को मुल्ला ने विभागीय जांच में स्वीकार किया है। मुल्ला को जांच के दौरान अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया था। खंडपीठ ने CBI की इन दलीलों को स्वीकार करते हुए मामले को लेकर कैट की ओर से दिए गए निर्णय को बरकरार रखा और मुल्ला की याचिका को खारिज कर दिया।
Created On :   27 Jan 2018 5:58 PM IST