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सरकारी और मनपा स्कूलो में पानी पिलाने की मुहिम पर हाईकोर्ट ने उठाए सवाल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। स्कूलों में बच्चों को पानी पिलाने के लिए सरकार की ओर से चलाई गई मुहिम पर बांबे हाईकोर्ट ने सवाल उठाए है। हाईकोर्ट ने कहा कि क्या सरकारी व मनपा की स्कूलों में पीने के लिए स्वच्छ पानी उपलब्ध है? न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सवाल किया। याचिका में मुख्य रूप से दावा किया गया है कि मुंबई मनपा की स्कूलों में बच्चों को पीने के लिए स्वच्छ पानी उपलब्ध नहीं है। स्कूलों में शौचालय भी साफ सुधरे नहीं है। लिहाजा इन स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जाए।
गुरुवार को यह याचिका खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आई। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि सरकार व मनपा ने स्कूलों में विद्यार्थियों को नियमित रूप से पानी पिलाने की याद दिलाने के लिए एक विशेष अभियान की शुरुआत की हैं। इस अभियान का उद्देश्य बच्चों को पीने के लिए कोई भी पानी नहीं स्वच्छ पानी देना है, लेकिन क्या सरकारी व मनपा स्कूलों में पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध है, कई स्कूलों में बच्चे टैब वाटर (नल) में पानी पीते है, जिसमें भी कई बार पानी नहीं आता है। स्कूलों में पीने का स्वच्छ पानी भी न उपलब्ध होना क्या मनपा के लिए खेदजनक नहीं है।
इसके लिए भी लोगों को अदालत में आना पड़ता है और अदालत मनपा को स्कूल में स्वच्छ पीने का पानी व स्वच्छ शौचालय रखने की याद दिलाती है। राज्य सरकार व मनपा के शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों परिपत्र जारी कर स्कूलों में बच्चों को तीन बार घंटी बजाकर पानी पीलाने की याद दिलाने को लेकर अभियान चलाया है। इस दौरान मनपा के वकील ने कहा कि स्कूलों में स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने व बुनियादि सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर काफी ठोस कदम उठाए है। इस दौरान उन्होंने एक रिपोर्ट भी खंडपीठ के सामने पेश की। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई मार्च महीने में रखी है।
Created On :   13 Feb 2020 9:10 PM IST