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मेडिकल आधार पर ट्रांसफर चाहती थी छात्रा, हाईकोर्ट ने कहा- अस्थमा मरीज के लिए ठीक नहीं है मुंबई

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि मुंबई देश के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में से एक है। ऐसे में यह शहर अस्थमा के मरीज के लिए कैसे अनुकूल हो सकता है। हाईकोर्ट ने बीमारी को आधार (मेडिकल ग्राउंड) बनाकर कोल्हापुर से मुंबई व पुणे के मेडिकल कालेज में दाखिला मांगेने वाली छात्रा जानकी शेंडे की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। जस्टिस भूषण गवई और जस्टिस बीपी कुलाबावाला की खंडपीठ ने कहा कि कोल्हापुर और पुणे की जलवायु की स्थिति एक जैसी है। फिर भी पुणे में कोल्हापुर की तुलना में ज्यादा प्रदूषण है।
देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में एक मुंबई
कोर्ट ने कहा कि मुंबई के बारे में तो सभी जानते हैं कि यह देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में एक है। ऐसे में भला अस्थमा के मरीज के लिए ज्यादा प्रदूषण कैसे अनुकूल हो सकता है। इससे पहले सरकारी वकील सीपी यादव ने कहा कि विद्यार्थियों के तबादले को लेकर नियम पहले से तय किए गए हैं। छात्रा ने मुंबई व पुणे के जिन कालेजों में स्थांतरित किए जाने की मांग की है, वहां पर होनहार छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। इन दोनों कालेजों में कुल नौ सीटे खाली थी लेकिन याचिका करने वाली छात्रा मैरिट के आधार पर मुंबई के मेडिकल कालेज में तबादले की पात्र नहीं है।
कोर्ट ने कहा याचिका आधारहीन
सरकारी वकील की इन दलीलों को स्वीकार करते हुए खंडपीठ ने कहा कि हमें याचिका आधारहीन नजर आ रही है। जहां तक बात छात्रा के अस्थमा से पीड़ित होने की बात है तो मुंबई देश के प्रदूषित शहरों में से एक है। इस लिहाज से हमे याचिका में कोई दम नजर नहीं आता है इसलिए इसे खारिज किया जाता है।
Created On :   27 Dec 2017 7:24 PM IST