हाईकोर्ट ने कहा- स्वादिष्ट खाना न बनाना नहीं हो सकता तलाक का आधार

HC rejecting a petition related to divorce demand of a husband
हाईकोर्ट ने कहा- स्वादिष्ट खाना न बनाना नहीं हो सकता तलाक का आधार
हाईकोर्ट ने कहा- स्वादिष्ट खाना न बनाना नहीं हो सकता तलाक का आधार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पत्नी का देरी से सोकर उठना और स्वादिष्ट खाना न बनाना तलाक का आधार नहीं हो सकता है। बांबे हाईकोर्ट ने एक पति की तलाक की मांग से जुड़ी याचिका को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया है।  न्यायमूर्ति केके तातेड व न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की खंडपीठ ने  इस मामले में पारिवारिक अदालत के उस फैसले को कायम रखा जिसमें अदालत ने मुंबई निवासी महेंद्र शर्मा (परिवर्तित नाम) के तलाक के आग्रह को अस्वीकार कर दिया था। पारिवारिक अदालत के अनुसार सोकर जल्दी न उठना व स्वादिष्ट खाना न बनाना क्रूरता के दायरे में नहीं आता है। इसलिए यह तलाक का आधार नहीं हो सकता है। पारिवारिक अदालत के इस आदेश के खिलाफ शर्मा ने हाईकोर्ट में अपील स्वरुप याचिका दायर की थी। जिसे खंडपीठ ने खारिज कर दिया। 

पारिवारिक अदालत का निष्कर्ष वैधानिक रुप से सही

खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि इस मामले में पारिवारिक अदालत ने जो निष्कर्ष निकाला है वह वैधानिक रुप से सही है। क्योंकि पति ने पत्नी पर जो आरोप लगाए हैं। वह क्रूरता के दायरे में नहीं आता। इसलिए इस प्रकरण में निचली अदालत के आदेश में हस्तक्षेप की जरुरत नहीं है। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने पाया कि याचिकाकर्ता की पत्नी एक कामकाजी महिला है। फिर भी वह अपना काम पूरा कर घरेलू इस्तेमाल की वस्तुए खरीदती है। वह याचिकाकर्ता व उसके माता-पिता के लिए भोजन बनाती है। इसके अलावा घर का काम भी संभालती है। इस लिहाज से पति के इस आरोप को स्वीकार नहीं किया जा सकता है कि वह उसकी पत्नी कर्तव्यपरायण नहीं है और वह स्वादिष्ट खाना नहीं बनाती है। 

निचली अदालत के आदेश के खिलाफ की थी अपील 

खंडपीठ ने साफ किया कि यह तलाक का आधार नहीं हो सकता है। वहीं पति ने अपनी अपील में दावा किया था कि निचली अदालत का आदेश खामीपूर्ण है। शर्मा ने अपने आरोपों की पुष्टि के लिए अपने माता-पिता के बयान की प्रति भी जोड़ी थी। याचिका में शर्मा ने दावा किया था कि उसकी पत्नी उससे अशिष्ट बर्ताव करती है। यहीं नहीं यदि उसके माता-पिता उसकी पत्नी को सुबह जल्दी उठने के लिए कहते है तो वह उनके साथ भी अभद्रता से पेश आती है, लेकिन खंडपीठ ने शर्मा की ओर से दिए गए इन तर्कों को अस्वीकार कर दिया। 

Created On :   4 March 2018 8:46 AM GMT

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