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हाईकोर्ट ने कहा- सड़क पर गड्ढे न भरनेवाली महानगरपालिकाओं के खिलाफ सरकार करे कार्रवाई

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने सड़कों के गड्ढे भरने में महानगरपालिकाओं व जिला परिषदों की विफलता को देखते हुए कहा है कि अब समय आ गया है कि सरकार इस मामले का संज्ञान ले और इसमे हस्तक्षेप करे। हाईकोर्ट ने सड़कों पर बढ़ रहे गड्ढों के कारण हो रही दुर्घटनाओं के चलते इस मामले का खुद संज्ञान लिया और इसे जनहित याचिका में परिवर्तित किया है। इस परजस्टिस अभय ओक वजस्टिस पीएन देशमुख के सामने सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने पाया कि महानगरपालिकाएं सड़कों के गड्ढे भरने में सफल नहीं हो रही है। इसलिए सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे। क्योंकि सरकार शक्तिविहीन नहीं है। यदि स्थानीय निकाय सड़कों के गड्ढो भरने की दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है तो सरकार के पास उनके खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है।
सड़कों के गड्ढो को लेकर 239 शिकायते मिली
इससे पहले मुंबई महानगरपालिका की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि 31 दिसंबर 2017 तक उसे सड़कों के गड्ढो को लेकर उसे 239 शिकायते मिली थी। इसमें से 157 शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है। वहीं इस मामले के लिए अदालत की ओर से नियुक्त किए अधिकारी ने खंडपीठ को बताया कि सड़कों को गड्ढो को लेकर राज्य भर से 555 शिकायते मिली है। इसमे से अभी भी 477 शिकायतों का निराकरण नहीं हुआ है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि अब समय आ गया है कि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे।
ट्रैफिक पुलिस की मदद लेने की सलाह
खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में जरुरत पड़े तो सहयोग के लिए ट्रैफिक पुलिस की भी मदद ली जाए। क्योंकि ट्रैफिक पुलिस को सभी रोड के सड़कों के गड्ढो के बारे में जानकारी होती है। वे स्थानीय निकाय को सड़कों के गड्ढो के बारे में बेहतर जानकारी दे सकते है। खंडपीठ ने कहा कि सरकार एक प्रभावी व्यवस्था बनाए। जिससे इस बात का पता लगाया जा सके स्थानीय निकाय सड़कों के गड्ढे भरने को लेकर क्या कर रही है। सरकार सड़कों के गड्ढे भरने की दिशा में कौन से कदम उठाएगी। इसकी जानकारी हमे माले की अगली सुनवाई के दौरान दी जाए। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 19 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी है।
Created On :   10 Jan 2018 7:53 PM IST