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घोषणापत्र के वादों की रिपोर्ट EC को देने की मांग पर HC ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सत्ताधारी दल अपने चुनावी घोषणापत्र में किए गए वादों को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग के सामने एक स्टेटस रिपोर्ट पेश करें। इस मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर बांबे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। इस दौरान केंद्र सरकार की ओर से पैरवी कर रही वकील ने इस मामले में संसदीय कार्य मंत्रालय तथा विधि व न्याय विभाग निर्देश लेने के लिए वक्त दिया जाए। इस पर मुख्य जस्टिस नरेश पाटील व जस्टिस ए.जामदार की बेंच ने कहा कि हमे केंद्र सरकार बताए कि उसका याचिका में उठाई गई मांग पर क्या कहना है।
सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग की ओर से कोई मौजूद नहीं थी। इस पर बेंच ने याचिकाकर्ता के वकील एसबी तलेकर को चुनाव आयोग को नोटिस देने को कहा और मामले की सुनवाई तीन सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी। इस विषय को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अक्षय बजड की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि चुनाव से जुड़े नियमों के तहत चुनाव आयोग को याचिका में की गई मांग पर जरुरी कदम उठाने का निर्देश दिया जाए। जबकि केंद्र सरकार इस विषय पर जरुरी दिशा-निर्देश तैयार करे।
याचिका में दावा किया गया है कि घोषणापत्र राजनीतिक दल का एक आधिकारिक दस्तावेज होता है। मतदाता इसे पढ़कर मतदान करते हैं और चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार भी इस घोषणापत्र के आधार पर जनता के मत मांगता है। इसलिए जनता को यह जानने का हक है कि घोषणपत्र में किए गए कितने वादे पूरे हुए और कितने अधूरे रह गए। अभी विपक्षी दल लोगों को जिन अधूरे वादे को लेकर बताते वहीं मतदाता जान पाता है। हकीकत क्या है? इसके बारे में उसे पता ही नहीं चल पाता है।
याचिका में कहा गया है जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार की शिक्षा,उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि,उसके कारोबार व संपत्ति की जानकारी हलफनामे में देना अनिवार्य किया गया है। वैसे ही सत्ताधारी दल को भी अपने घोषणापत्र में किए गए वादों की स्टेटस रिपोर्ट चुनाव आयोग के पास भेजने की दिशा में कदम उठाए जाने चाहिए।
Created On :   1 Feb 2019 8:27 PM IST