- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- शहडोल
- /
- चार महीने से नहीं मिला बेतन, कैसे...
चार महीने से नहीं मिला बेतन, कैसे मनाए दीवाली
डिजिटल डेस्क शहडोल । स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने बिना वेतन के दशहरा मनाया , अब चिंता इस बात की है कि दीवाली में क्या होगा। क्योंकि पिछले चार महीने से वेतन नहीं मिला। चालू महीने की पगार भी नहीं मिल सकी है। विभागीय सूत्रों के अनुसार शासन स्तर से बजट नहीं मिलने के कारण वेतन भुगतान नहीं हो पा रहा है। जानकारी के अनुसार जिले के 100 स्टाफ नर्स को जुलाई माह से वेतन नहीं मिला। वहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से संबद्ध 96 अधिकारी-कर्मचारी दो महीने से वेतन से वंचित हैं। इसके अलावा विभाग के 624 अधिकारियों-कर्मचारियों को चालू माह का वेतन भी नहीं मिला है। कर्मचारियों ने बताया कि वेतन नहीं मिलने से उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। वेतन नहीं मिलने से नवरात्रि व दशहरा जैसे त्यौहार फीके रहे। विभागीय लेटलतीफी को देखकर अब चिंता सता रही है कि यह ऐसे ही हालात रहे तो दीपावली त्यौहार कैसे मना पाएंगे।
इनका कहना है
बजट की कमी के चलते वेतन में रुकावट आई है। बजट को लेकर शासन स्तर पर पत्राचार किया गया है।
डॉ. राजेश पाण्डेय, सीएमएचओ
डिस्पोज के नाम पर खुले में जलाया जा रहा जहरीला कचरा- जिले के शासकीय अस्पतालों से निकलने वाले बॉयोमेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल की प्रक्रिया खतरे से खाली नहीं रह गया है। लाखों का भुगतान नहीं होने के कारण ठेकेदार ने शासकीय अस्पतालों से कचरा उठाव बंद कर दिया है। प्रबंधन द्वारा इस कचरे को डिस्पोज करने के नाम पर खुले में जलवाया जा रहा है अथवा अस्पतालों के नजदीक ही गड्ढों में दफन किया जा रहा है। यह प्रक्रिया न केवल स्वास्थ्य की दृष्टि से घातक साबित हो सकती है बल्कि पर्यावरण नियमों का उल्लंघन माना जा रहा है। 300 बिस्तरा जिला चिकित्सालय शहडोल के अलावा जिले में 6-6 बेड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा 30-30 बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। ब्यौहारी का सिविल अस्पताल 100 बिस्तरों की क्षमता वाला है। इन शासकीय अस्पतालों से महीने में औसतन 15 से 16 क्विंटल बायोमेडिकल वेस्ट निकलता है। नियमानुसार इनका डिस्पोजल इंनसिनरेटर में ही होना चाहिए, ताकि पर्यावरण पर इसका घातक असर न पडऩे पाये। पिछले एक साल से बायोमेडिकल वेस्ट का वैज्ञानिक तरीके से निपटान नहीं होने से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी ही अनजान हैं।
Created On :   5 Oct 2017 4:48 PM IST