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मंत्री पद को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई टली, इन्हें जारी है नोटिस

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकर्ट ने विधानमंडल के किसी भी सदन का सदस्य हुए बिना दो महीने पहले मंत्री पद की शपथ लेनेवाले नेताओं को अयोग्य ठहराए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई 4 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी है। सोमवार को न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति गौतम पटेल की खंडपीठ के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान कांग्रेस से भाजपा नेता बने राज्य के गृह निर्माण मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल की माताजी का निधन हो गया है। इसलिए उन्हें जवाब देने के लिए थोड़ा वक्त दिया जाए। इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने इस मामले में श्री विखे पाटील व दो अन्य मंत्रियों (शिवसेना नेता जयदत्त क्षीरसागर व आरपीआई नेता अविनाश महातेकर) को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था। हाईकोर्ट में तीनों नेताओं को मंत्री के रुप में अयोग्य ठहराए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है।
इस मामले को लेकर विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार व समाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र अरोड़ा ने अधिवक्ता एसबी तलेकर के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि तीनों मंत्री विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं है और अगले 6 महीने में उनके विधानमंडल के सदन का सदस्य चुने जाने की संभावना भी नहीं है। क्योंकि कुछ समय में विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू हो जाएगी। इसलिए तीनों मंत्रियों की नियुक्ति संविधान व जन प्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के विपरीत है। लिहाजा इन तीनों नेताओं के मंत्री पद को रद्द किया जाए। अंतरिम राहत के तौर पर तीनों नेताओं को मंत्री के रुप में कार्य करने से रोक जाए।
Created On :   19 Aug 2019 9:45 PM IST