नागपुर छोड़ विदर्भ पानी-पानी, नदी-नाले उफान पर, जन-जीवन अस्तव्यस्त

Heavy rains in maharashtra monsoon weather report
नागपुर छोड़ विदर्भ पानी-पानी, नदी-नाले उफान पर, जन-जीवन अस्तव्यस्त
नागपुर छोड़ विदर्भ पानी-पानी, नदी-नाले उफान पर, जन-जीवन अस्तव्यस्त

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर को छोड़ पूरा विदर्भ इन दिनों भारी बारिश से घिरा हुआ है। बारिश की वजह से एक बार फिर  जन-जीवन अस्तव्यस्त हो गया है। गड़चिरोली में पखवाड़े के भीतर तीसरी बार बाढ़ की स्थिति बन गई है। चंद्रपुर के ब्रह्मपुरी में एक युवक के बहने की खबर है। गोंदिया और भंडारा जिले में भी हालात बिगड़े हैं। भंडारा जिले के गोसीखुर्द बांध के तीन दरवाजे खोल दिए गए हैं। वर्धा, यवतमाल और अमरावती में भी बारिश के समाचार मिले हैं, हालांकि यहां स्थिति सामान्य बनी हुई है।

गड़चिरोली जिले में सोमवार रात से हो रही भारी बारिश से आरमोरी और कुरखेड़ा तहसील में नदियां और नाले उफान पर आने से सैकड़ों गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है। यहां कठानी, सती और पोटफोड़ी नदी में आई बाढ़ ने यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप कर दी है। निचले इलाके जलमग्न होने पर अधिकांश स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। वहीं, बिजली और पेयजल आपूर्ति भी बाधित हुई है। पोटेगांव से गड़चिरोली आ रहा एक यात्री वाहन गुरवला की पोटफोड़ी नदी में बह गया। सूचना मिलते ही राजस्व और पुलिस विभाग के कर्मचारी तुरंत मौके पर पहुंचे, जिन्होंने बड़ी मशक्कत के बाद वाहनसवार सभी 10 यात्रियों की जान बचाने में सफलता हासिल कर ली।  उधर, चांदाला गांव के कुंभी नाले पर आए पानी में फंसे चरवाहे को भी आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मचारियों ने सुरक्षित निकाला। धानोरा तहसील के कन्हारटोला नाले में बहे एक अन्य युवक को भी सीआरपीएफ के जवानों ने बचा लिया। 

गोंदिया में नदी-नाले उफान पर
गोंदिया जिले में भी छोटे नदी-नाले उफान पर हैं। उधर, भंडारा जिले में खेतों में पानी जमा होने से फसलें खराब हो गई हैं। साकोली-तुमसर रोड मंगलवार दोपहर बंद हो गया था। वहीं, पुजारीटोला बांध के दो गेट मंगलवार शाम खोल दिए गए, जिले देखते हुए जिला प्रशासन ने वैनगंगा नदी तट पर बसे गांवों में अलर्ट जारी कर दिया है। गोसीखुर्द बांध के भी तीन गेट आधे मीटर तक खोल दिए गए हैं। बुधवार की सुबह से बादल घिरे हुए हैं और रिमझिम बारिश जारी है।

नागपुर में रूक-रूक हो रही बारिश 
मौसम विभाग ने नागपुर में सोमवार को आरेंज अलर्ट जारी किया था, जिसे मंगलवार को रेड अलर्ट में तब्दील कर दिया गया। पूर्वानुमान के अनुसार, सुबह से ही मेघों का जमावड़ा शहर के क्षितिज पर होने लगा था, दोपहर बाद काले मेघों ने भी शहर को ढंक लिया, लेकिन बौछारें थमीं रहीं। शाम करीब 4.30 बजे टिप-टिप बारिश शुरू हुई, लेकिन जैसा भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया गया था, वैसे मेघ नहीं बरसे। रात करीब 10 बजे बौछारों ने कुछ रफ्तार जरूर पकड़ी। मौसम विभाग ने शहर में बुधवार के लिए भी आरेंज अलर्ट जारी किया है। आसमान मेघों से आच्छादित रहेगा। रुक-रुक के बौछारें आने की उम्मीद है। शाम ढलते-ढलते मेघों का पलायन भी शुरू हो सकता है। 

नागपुर में इसलिए बौछारें शांत
मौसम जानकारों के अनुसार, कम दबाव का क्षेत्र कुछ ऊपर की ओर रहने और द्रोणिका के उत्तर की ओर खिसकने से उपराजधानी पर इसका प्रभाव घट गया है। उम्मीद थी कि मंगलवार को कम दबाव का क्षेत्र छत्तीसगढ़ पर स्थित रहेगा, लेकिन यह झारखंड पर चला गया। द्रोणिका भी कुछ ऊपर उठकर फिरोजपुर, पटियाला, बागपथ, मैनपुरी, सीधी, डॉल्टेनगंज, चाईंबासा व कम दबाव के क्षेत्र के मध्य से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। इसके चलते उपराजधानी मेघों से तो घिरी रही, लेकिन बौछारें शांत बनी रही। 

ऐसा रहा तापमान
मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार सुबह 8.30 से रात 8.30 बजे तक मात्र 1.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई।  बादलों के छाए रहने तथा ठंडी बयारों के चलते दिन के तापमान में करीब 4 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि उमस की कुछ परेशानी जरूर बनी रही। अधिकतम तापमान 29.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1 डिग्री ऊपर रहा। न्यूनतम तापमान सामान्य से 1 डिग्री ऊपर 24.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आर्द्रता अधिकतम 95 तथा न्यूनतम 89 प्रतिशत रही। 
 

Created On :   14 Aug 2019 8:17 AM GMT

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