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हेडगेवार स्मृति मंदिर अब ‘क’ वर्ग का पर्यटन स्थल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेशमबाग स्थित डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर में मनपा द्वारा प्रस्तावित निर्माणकार्य करने पर उठे बवाल के बाद सरकार ने आखिरकार हेडगेवार भवन को पर्यटन सूची में शामिल कर दिया। जिलाधिकारी व जिला नियोजन समिति के सदस्य सचिव ने 17 अप्रैल 2018 को एक अधिसूचना जारी कर उसे ‘क’ वर्ग पर्यटन का दर्जा दिया है। इस निर्णय के बाद परिसर में विकास कार्य का रास्ता साफ हो गया है। अब मनपा यहां 1 करोड़ 37 लाख की लागत से विकास कार्य कर सकेगी।
सरकार ने कहा था फाइलें जल गईं
बता दें कि सरकार ने इससे पहले न्यायालय में शपथपत्र दाखिल कर कहा था कि हेडगेवार स्मृति मंदिर को युति सरकार ने पर्यटन स्थल का दर्जा दिया था, लेकिन मंत्रालय में आग लगने से उसकी फाइलें जल गईं।
हकीकत में दर्जा दिया ही नहीं था
BJP उपाध्यक्ष भूषण दड़वे ने आरटीआई में जानकारी मांगी तो खुलासा हुआ कि हेडगेवार स्मृति मंदिर को सरकार ने कभी पर्यटन स्थल का दर्जा दिया ही नहीं था। दडवे ने वर्ष 2015 में स्मृति मंदिर को पर्यटन स्थल का दर्जा देने की मांग की थी।
अब यह कह कर की सिफारिश
जारी अधिसूचना में कहा गया है कि चूंकि डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर परिसर में विजयादशमी और अन्य दिनों पर अनेक पर्यटक आते हैं, इसे ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र पर्यटन विकास महामंडल ने नागपुर दर्शन यात्रा में डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर को शामिल कर सूचना पत्रिका तैयार की है। डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर को ‘क’ वर्ग पर्यटन स्थल का दर्जा देने बाबत सिफारिश की है। वरिष्ठ प्रादेशिक व्यवस्थापन, पर्यटन विभाग की सिफारिश के अनुसार जिला नियोजन समिति द्वारा दी गई मान्यता के अनुसार हेडगेवार स्मृति मंदिर को ‘क’ वर्ग पर्यटन स्थल का दर्जा प्रदान किया गया है।
मामले पर मचा था बवाल
गौरतलब है कि मनपा सत्तापक्ष ने हेडगेवार स्मृति मंदिर परिसर में विकास कार्य को लेकर निधि मंजूर की थी। हेडगेवार स्मृति मंदिर सरकारी रिकार्ड पर नहीं होने और निजी संस्था होने से पूर्व पार्षद जनार्दन मून ने इस कार्य को लेकर आपत्ति जताई थी।
विकास कार्य में अब तकनीकी अड़चन नहीं
BJP शहर उपाध्यक्ष भूषण दड़वे का कहना है कि संघर्ष को सफलता मिली है। 2015 से इस काम में लगा था। डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर को पर्यटन का दर्जा मिलने से परिसर में मनपा की 1 करोड़ 37 लाख की निधि से विकास कार्य करने में आसानी होगी। अब कोई तकनीकी दिक्कत नहीं आएगी। सरकार द्वारा न्यायालय में दी गई थी मौखिक जानकारी झूठी थी। इस अधिसूचना से यह भी सिद्ध हो गया है। अब यह विवाद भी खत्म हो गया है।
Created On :   6 May 2018 2:59 PM IST