हाईकोर्ट ने सीबीआई से पूछा - कहां तक पहुंची देशमुख मामले की जांच

High Court asked CBI - how much investigation done of Deshmukh case
हाईकोर्ट ने सीबीआई से पूछा - कहां तक पहुंची देशमुख मामले की जांच
हाईकोर्ट ने सीबीआई से पूछा - कहां तक पहुंची देशमुख मामले की जांच

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट कहा कि सीबीआई की जिम्मेदारी है कि वह भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में सिर्फ देशमुख के खिलाफ ही नहीं, इस प्रकरण से जुड़े सभी लोगों को खिलाफ जांच करें। इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीआई को इस प्रकरण को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता देशमुख के खिलाफ जारी जांच की प्रगति के बारे में भी जानकारी देने को कहा है। सोमवार को न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एन जे जमादार की खंडपीठ ने कहा कि सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ अप्रैल 2021 में जो एफआईआर दर्ज की थी। उसकी जांच कहां तक पहुंची है। हम इस मामले की जांच रिपोर्ट सील कवर में देखना चाहते हैं। रिपोर्ट को देखने के बाद इसे सीबीआई को दोबारा सौंप दिया जाएगा। खंडपीठ के सामने देशमुख की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में देशमुख ने सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की मांग की है।

सीबीआई ने हाईकोर्ट के आदेश पर भ्रष्टचार के आरोपों की जांच करने के बाद देशमुख के खिलाफ एफाईआर दर्ज की है। पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह ने देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने सीबीआई को जांच के आदेश दिए थे। 

सोमवार को सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि अभी मामले को लेकर सीबीआई की जांच जारी है। क्या ऐसी स्थिति में देशमुख की ओर से एफआईआर रद्द करने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई की जा सकती हैॽ जवाब में देशमुख की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने कहा कि सीबाईआई ने नियमों के तहत इस मामले की जांच नहीं की है। इसलिए उनके मुवक्किल राहत पाने के हकदार हैं।

खंडपीठ ने कहा कि यह सीबीआई की जिम्मेदारी है वह मामले से जुड़े सभी लोगों के खिलाफ जांच करे। उसकी जांच सिर्फ देशमुख तक नहीं होनी चाहिए। सभी लोगों का मतलब उन लोगों से जो उसकी कमेटी का हिस्सा थे। जिन्होंने बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे की सेवा बहाली का आदेश जारी किया था। 

कौन हैं अज्ञात लोग 

खंडपीठ ने सीबीआई जानना चाहा है कि उसने अपने एफआईआर में आरोपी के रुप में अज्ञात लोगों का भी जिक्र किया है। यह अज्ञात लोग कौन हैं। हमें इसकी जानकारी दी जाए।  खंडपीठ ने कहा कि आमतौर पर चोरी व लूट के मामले में अज्ञात लोगों का नाम आरोपी के रुप में लिखा जाता है। इस मामले में सीबीआई ने तो प्रारंभिक जांच करने के बाद एफआईआर दर्ज की है। इसलिए हम सीबीआई से अज्ञात लोगों के बारे में जानना चाहते हैं। वहीं सीबीआई की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने कहा कि वे अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट को इस बारे में जानकारी देंगे। खंडपीठ ने अब सात जुलाई 2021 को इस याचिका पर सुनवाई रखी है। 

 

Created On :   5 July 2021 6:31 PM IST

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