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23 साल बाद जन्म तारीख में बदलाव के लिए हाईकोर्ट में दायिर याचिका खारिज
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सर्विस रिकार्ड में जन्म तारीख में बदलाव न करने के फैसले को 23 साल बाद चुनौती देनेवाले एक कर्मचारी की याचिका को बांबे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि क्लर्क के रुप में कार्यरत कर्मचारी ने इस विषय पर 23 साल बाद क्यों याचिका दायर की है। इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है। न्यायमूर्ति केके तातेड व न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की खंडपीठ ने मुंबई महानगरपालिका में क्लर्क के रुप में कार्यरत हेमंत कुमार राणे की याचिका पर गौर करने के बाद पाया कि वे अगले साल यानी 2021 में सेवानिवृत्त होनेवाले हैं। राणे ने याचिका दायर करने में देरी को लेकर कोई सफाई नहीं दी है। जबकि मनपा प्रशासन ने उनके जन्मतारीख में बदलाव करने के आवेदन को सितंबर 1997 में खारिज कर दिया था।
वर्ष 1985 में मनपा में नियुक्त होनेवाले राणे ने एक परिपत्र के तहत सर्विस रिकार्ड में अपनी जन्म तारीख 8 सितंबर 1963 की जगह 24 फरवरी 1964 करने का आग्रह किया था। इसके लिए उन्होंने नगरपरिषद की ओर से जारी जन्मप्रमाणपत्र जोड़ा था। लेकिन मनपा प्रशासन ने इसे अस्वीकार कर दिया था। इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए निर्णय को चुनौती देने में हुई देरी के मद्देनजर राणे की याचिका को खारिज कर दिया
Created On :   18 Dec 2020 6:45 PM IST