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दिव्यांगों के मास्क से अंसतुष्ट हाईकोर्ट, अदालत ने दिया था विशेष मास्क बनाने का निर्देश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को दिव्यांगों के लिए बनाए गए मास्क को देखने के बाद असंतोष व्यक्त किया। हाई कोर्ट ने कहा कि इस मास्क में ऐसा कोई निशान नहीं है। जिसे देखने के बाद पता चले कि मास्क पहनने वाला व्यक्ति दिव्यांग है। यह मास्क दिव्यांगों के अनुकूल भी नजर नहीं आ रहा है। हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार व मुंबई महानगर पालिका को मूक बधिर व दिव्यांगों के लिए अलग मास्क उपलब्ध कराने की दिशा में कदम उठाने को कहा था। इसके तहत मुंबई मनपा की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने दिव्यांगों के लिए बनाए गए मास्क का नमूना मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ के सामने पेश किया। जिसे देखने के बाद खंडपीठ ने असंतोष व्यक्त कियाऔर कहा कि मास्क दिव्यांगों के अनुकूल नहीं है। इसमें प्लास्टिक की परत होने के चलते यह अस्वच्छ भी दिख रहा है।
खंडपीठ ने कहा कि हम आशा करते हैं कि अगली सुनवाई के दौरान हमारे सामने बेहतर मास्क पेश किया जाएगा। खंडपीठ ने राज्य सरकार को भी इस मामले को लेकर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। इस विषय पर लोकसाहिवादी बाला साहब सरोदे स्मृति प्रतिष्ठान उपक्रम ने जनहित याचिका दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि दिव्यांग व मूक बधिर लोगों के लिए विशेष मास्क उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जाए। क्योंकि ऐसे लोगों का सवांद चेहरे के हावभाव व संकेतो पर निर्भर होता है। मौजूदा मास्क के चलते दिव्यांगों को काफी परेशानी हो रही है। खंडपीठ ने याचिका पर 10 जून 2021 को सुनवाई रखी है।
Created On :   2 Jun 2021 9:03 PM IST