हाईकोर्ट ने 10 आदिवासी आरोपियों को दी जमानत, 8 अन्य को जमानत देने से मना

High court granted bail to 10 tribal accused, refused to grant bail to 8 others
हाईकोर्ट ने 10 आदिवासी आरोपियों को दी जमानत, 8 अन्य को जमानत देने से मना
पालघर हिन्सा मामला हाईकोर्ट ने 10 आदिवासी आरोपियों को दी जमानत, 8 अन्य को जमानत देने से मना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने पालघर में साल 2020 द्वारा साधुओं पर भीड़ द्वारा की गई हिंसा के मामले में दस आदिवासी आरोपियों को जमानत प्रदान की है। जबकि आठ आन्य आरोपियों को जमानत देने से मना कर दिया है। कोर्ट ने दस लोगों को जमानत देते हुए कहा कि ये आरोपी वीडियों में गांव में चार सौ से पांच सौं लोगों की इकट्ठा हुई सिर्फ भीड़ का हिस्सा नजर आ रहे हैं, लेकिन इनकी कोई हिंसक गतिविधि व सक्रिय भूमिका नजर नहीं आ रही है। 

कोरोना के चलते घोषित लॉकडाउन के दौरान पालघर में 14 अप्रैल 2020 को भीड़ द्वारा की गई हिंसा में दो साधुओं व उनके एक ड्राइवर क मौत हो गई थी। बाद में इस मामले की जांच राज्य पुलिस की अपराध शाखा (सीआईडी) को सौप दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में 126 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। 

न्यायमूर्ति भारती डागरे ने जिन आरोपियों को जमानत देने से मना किया है। उनके बारे में कहा है कि इन आरोपियों की गतिविधी सीसीटीवी फुटेज व मोबाइल क्लिप में नजर आ रही है। इसमें से एक आरोपी कार पर पत्थर मारते व एक शख्स को छड़ी से पीटते नजर आ रहा है। इस मामले में इन आरोपियों की सक्रिय भूमिका नजर आ रही है। ये आरोपी पुलिस की गाड़ी के भी करीब थे। इस हिंसा में लगी चोट के चलते एक शख्स काल के गाल में शमा गया। इसलिए ये आरोपी राहत पाने के हकदार नहीं है। 

विशेष सरकारी वकील सतीश माने शिंदे ने कहा कि इन आरोपियों की पहचान गवाहों ने सीसीटीवी फुटेज के जरिए की गई है। इस पर न्यायमूर्ति ने कहा कि इस मामले में आरोपियों की पहचान से जुड़ा मुद्दा मुकदमे की सुनवाई के दौरान देखा जाएगा। न्यायमूर्ति ने कहा कि मामले को लेकर 12 हजार पन्नों का आरोपपत्र दायर किया जा चुका है। मामले से जुड़े तथ्यों के मद्देनजर दस आरोपियों को हिरासत में रखने की जररुत नजर नहीं आ रही है। इसलिए इन्हें 25 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी जाती है। 

आरोपियों की ओर से पैरवी करनेवाले वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल आदिवासी है।  उनका हाथ में लाठी लेकर चलना कोई असमान्य बात नहीं है। खास तौर से रात के समय में। कोर्ट ने जिन आरोपियों को जमानत दी है उन्हें मामले से जुड़े सबूतों के साथ छेड़छाड करने से मना किया है। 

Created On :   1 April 2022 4:26 PM GMT

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