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नाशिक ऑक्सीजन लीक मामले में हाईकोर्ट ने मंगाई रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाशिक में ऑक्सीजन लीक होने के चलते हुई मौतों से जुड़ी घटना को लेकर दुख व्यक्त करते हुए इस मामले को लेकर राज्य सरकार से रिपोर्ट मंगाई हैं। इससे पहले मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने स्वतः इस घटना का का संज्ञान लिया औऱ इस हादसे को भयंकर बताया। खड़पीठ ने राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी को हलफनामा दायर कर पूरी घटना का ब्यौरा देने को कहा है। इससे पहले कुंभकोणी ने खंडपीठ को नाशिक के डॉ जाकिर हुसैन अस्पताल में घटी इस घटना की मौखिक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मामले को लेकर राज्य के मुख्य सचिव को भेजी गई प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है निजी कंपनी के साथ हुए ठेके के तहत अस्पताल में ऑक्सीजन टैंक लगाया गया था। इसी कंपनी के पास टैंक के रखरखाव व उसे भरने की जिम्मेदारी थी।
उन्होंने कहा कि टैंक से ऑक्सीजन बाहर आ रहा था लेकिन दबाव कम था। जब टैंक का निरीक्षण किया गया तो टैंक के वॉल्व में लीकेज मिला। इसके बाद इंजीनियर को टैंक को दुरुस्त करने के लिए बुलाया गया। इस बीच टैंक से ऑक्सीजन का दबाव इतना नीचे गिर गया कि आक्सीजन की आपूर्ति लगभग बंद हो गई। यह स्थिति करीब एक घंटे 20 मिनिट तक बनी रही। लेकिन अब सब कुछ ठीक कर दिया गया है। अब हालात सामान्य हैं।
इस पर खंडपीठ ने कहा कि यह घटना पीड़ादायी व भयंकर है इसमें 22 लोगों की जान गई है। खंडपीठ ने इस मामले को लेकर विस्तार से आदेश जारी करने की बात कही है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने इस घटना के जांच के आदेश दिए है औऱ मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है।
Created On :   22 April 2021 9:04 PM IST