हाईकोर्ट : बिजली बिल वसूली रोकने में याचिका, पूछा - जैविक कचरे के निपटारे को लेकर क्या कर रही सरकार

High Court: Petition to stop recovery of electricity bill
हाईकोर्ट : बिजली बिल वसूली रोकने में याचिका, पूछा - जैविक कचरे के निपटारे को लेकर क्या कर रही सरकार
हाईकोर्ट : बिजली बिल वसूली रोकने में याचिका, पूछा - जैविक कचरे के निपटारे को लेकर क्या कर रही सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अधिक बिजली बिल के मुद्दे को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में मांग की गई है की याचिका पर सुनवाई पूरी होने तक जून 2020 के बिजली बिल की वसूली पर रोक लगाई जाए। कोरोना संकट के दौरान भविष्य में लोगों को बेतहाशा बिजली बिल न आए इसके लिए सरकार को ठोस रणनीति बनाने का निर्देश दिया जाए। मुंबई निवासी रविंद्र देसाई ने यह याचिका दायर की है। अधिवक्ता विशाल सक्सेना के मार्फत दायर याचिका  में कहा गया है कि कोरोना संकट के चलते अभी भी बड़ी संख्या में लोग बिना काम के घरों में बैठे हैं। क्योंकि सीमित संख्या में कार्यालय में लोगों को जाने की इजाजत हैं। कोरोना का प्रकोप अब भी बरकरार है। अभी  भी आवागमन सामान्य नहीं हुआ है। इसलिए लोगों की कार्य से जुड़ी परेशानी कायम है। इसलिए जून के बिजली बिल के भुगतान में विलंब शुल्क न लेने का निर्देश दिया जाए। याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई हो सकती हैं। 

जैविक कचरे के निपटारे को लेकर क्या कर रही सरकार

बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा है कि क्या वह कोरोना संबंधित जैविक कचरे को सुरक्षित तरीके से नष्ट कर रही है। हाईकोर्ट ने सरकार को इस बारे में 14 जुलाई तक जवाब देने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने यह निर्देश सामाजिक कार्यकर्ता किशोर सोहनी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। अधिवक्ता साधना कुमार के माध्यम से दायर की गई याचिका में दावा किया गया है कि कल्याण डोंबिवली इलाके में कचरा नष्ट करने से जुड़े नियमों की अनदेखी करके आधाररवाड़ी डम्पिंग ग्राउंड में अस्पताल व पैथोलॉजी लैब से निकलनेवाला कोरोना से संबंधित जैविक कचरे को नष्ट किया जाता हैं। याचिका में कहा गया है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कचरे को नष्ट करने को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं। नियमानुसार कोरोना से जुड़े कचरे को डिब्बे में स्टिकर लगाकर अलग रखना चाहिए। ऐसे कचरे को नष्ट करने से पहले उसे ट्रीट किया जाना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। खंडपीठ ने कहा कि याचिका में महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाया गया है। इसलिए हम सरकार से जानना चाहते हैं कि क्या वह कचरे को सुरक्षित तरीके से नष्ट करने को सुनिश्चित कर रही हैं। खंडपीठ ने इस मामले में महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी नोटिस जारी किया है। 
 

Created On :   1 July 2020 8:23 PM IST

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