‘निजी सुरक्षा के अधिकार’ के तहत ड्राइवर बरी, लापवाही से गाड़ी चलाने के चलते चार राहगीर हुए थे घायल

High Court relief a driver under Right to personal safety
‘निजी सुरक्षा के अधिकार’ के तहत ड्राइवर बरी, लापवाही से गाड़ी चलाने के चलते चार राहगीर हुए थे घायल
‘निजी सुरक्षा के अधिकार’ के तहत ड्राइवर बरी, लापवाही से गाड़ी चलाने के चलते चार राहगीर हुए थे घायल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने लापरवाही से टैक्सी चलाने के चलते चार राहगीरों को घायल करनेवाले टैक्सी ड्राइवर को बांबे हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है।  हाईकोर्ट ने कहा कि ड्राइवर हमजा अंसारी की टैक्सी में जबरन बदमाश घुस गए थे। और उसके गले में उस्तरा रखकर तेजी से गाड़ी चलाने के लिए दबाव बना रहे थे। इस स्थिति में उसने अपनी निजी सुरक्षा के लिए तेज रफ्तार से गाड़ी चलाई है। उसने अपनी इच्छा से लापरवाही पूर्ण ढंग से तेजी से गाड़ी नहीं चलाई है। इसलिए ड्राइवर को राहगीरों को घायल करने के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। क्योंकि गाड़ी चलाते समय उसके गले में भी चोट लगी थी। लापरवाही से गाड़ी चलाने के लिए पुलिस ने 1986 में हमजा के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था। 

लापवाही से गाड़ी चलाने के चलते चार राहगीर हुए थे घायल

इससे पहले निचली अदालत ने हमजा को इस मामले में तीन महीने के कारावास की सजा सुनाई थी। जिसके खिलाफ उसने पहले  सत्र न्यायालय में अपील की थी। सत्र न्यायालय ने हमजा की अपील को खारिज कर दिया। इसलिए उनसे सत्र न्यायालय के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की। न्यायमूर्ति एसवी कोतवाल के सामने हमजा की अपील पर सुनवाई हुई। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि आरोपी हमजा के पास भी निजी सुरक्षा का अधिकार है। उसने अपनी सुरक्षा के लिए बदमाशों के दबाब में  आकर तेज रफ्तार से गाड़ी चलाई। जिसके चलते राहगीरों को मामूली चोट लगी। उसने अपनी इच्छा से गाड़ी चलाने में लापरवाही नहीं बरती है। इसलिए उसे राहगीरों को लगी चोट के लिए जिम्मेदार नहीं ठहाराय जा सकता है। यह कहते हुए न्यायमूर्ति ने ड्राइवर हमजा को लापरवाही पूर्ण ढंग से गाड़ी चलाने के 33 साल पुराने मामले से बरी कर दिया। 
 

Created On :   3 April 2019 8:58 PM IST

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