हाईकोर्ट: 36 घंटे में मिले आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट, निजी अस्पतालों में चस्पा करो रेमडेसिविर के रेट

High Court: RTPCR test report received in 36 hours, paste in private hospitals
हाईकोर्ट: 36 घंटे में मिले आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट, निजी अस्पतालों में चस्पा करो रेमडेसिविर के रेट
हाईकोर्ट: 36 घंटे में मिले आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट, निजी अस्पतालों में चस्पा करो रेमडेसिविर के रेट



डिजिटल डेस्क जबलपुर। कोरोना के संक्रमण और इसके मुकाबले व्यवस्थाओं के मुद्दे का मप्र हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। इस मामले में उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेशित किया है कि संक्रमण के फैलाव को देखते हुए कोरोना टेस्ट की संख्या बढ़ाई जाए। इसके साथ ही आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट 36 घंटे में उपलब्ध कराई जानी चाहिए। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली डिवीजन बैंच ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि निजी अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स में रेमडेसिविर इंजेक्शन के रेट चस्पा किए जाने चाहिए।
यह है मामला-
प्रदेश में कोरोना के इलाज को लेकर ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी को लेकर हाईकोर्ट में याचिकाएँ दायर की गई हैं। इस मामले में 15 अप्रैल को विशेष सुनवाई की गई थी। इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा, शशांक शेखर, संजय वर्मा, शेखर शर्मा और अजय रायजादा ने पक्ष रखा। कोर्ट मित्र के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने सुनवाई में सहयोग किया।
यह है हाईकोर्ट का 19 बिन्दुओं का आदेश
1 - राज्य सरकार ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करे।
2 - चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ के रिक्त पदों पर तत्काल संविदा नियुक्ति की जाए।
3 - आपात स्थिति को देखते हुए पिछले दो से तीन साल में सेवानिवृत्त हुए चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की संविदा नियुक्ति हो।
4 - निजी अस्पतालों और दवा दुकानों में सभी ब्रांडेड और जेनरिक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमत चस्पा करो।
5 - गंभीर मरीज को एक घंटे में रेमडेसिविर का इंजेक्शन उपलब्ध कराओ।
6 - जिला एवं सिटी अस्पतालों में ऑक्सीजन, रेमडेसिविर, वेंटिलेटर्स और जीवन रक्षक दवाइयाँ उपलब्ध कराओ, ताकि जबलपुर, भोपाल, इंदौर और ग्वालियर के अस्पतालों पर मरीजों की निर्भरता कम हो सके।
7 - निजी अस्पताल नहीं कर पाए मनमानी, सरकार द्वारा तय कोरोना के इलाज की दरों को सुनिश्चित करना होगा।
8 - प्रदेश के 262 कोविड सेंटर्स, 62 डेडिकेडेड कोविड हेल्थ और 16 कोविड डेडिकेडेड अस्पतालों को फिर से शुरू करने पर विचार हो।
9 - कलेक्टर और सीएमएचओ सरकारी और निजी अस्पतालों के साथ नियमित बैठक कर मरीजों की संख्या, बेड, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर और अन्य सुविधाओं की जानकारी एकत्र करें। जरूरत पडऩे पर सुविधाएँ बढ़ाने का प्रयास हो।
10 - आईएमए और नर्सिंग होम एसोसिएशन से बातचीत कर निजी अस्पतालों में मरीजों से एडवांस लेने पर लगे रोक।
11 - स्कूल, कॉलेज, मैरिज हॉल, ट्रेनिंग सेंटर, होटल और स्टेडियम में कोविड के इलाज के लिए अस्थाई अस्पताल बनाया जाए।
12 - प्रदेश के बड़े शहरों में विद्युत शवदाह गृहों की स्थापना की जाए। बिगड़े हुए विद्युत शवदाह गृहों की तत्काल मरम्मत हो।
13 - संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए कोरोना टेस्ट की संख्या बढ़ाई जाए। 36 घंटे में आरटीपीसीआर की रिपोर्ट उपलब्ध कराओ।
14 - सरकार आईएमए और नर्सिंग होम एसोसिशन को ऑक्सीजन कंसनट्रेटर प्लांट लगाने के लिए सॉफ्ट लोन देने पर विचार करे।
15 - कोई भी अस्पताल अन्य बीमारी से पीडि़त मरीजों को इलाज से मना नहीं करें।
16 - बीपीएल कार्डधारी गरीबों का इलाज दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत कराया जाए। निजी
अस्पताल आयुष्मान, सीजीएचएस एवं अन्य स्कीम के तहत कार्डधारियों का इलाज करने से मना नहीं कर सकते।
17 - उद्योगों को दी जाने वाली ऑक्सीजन हेल्थ सेक्टर को दी जाए।
18 - कोविड कमांड सेंटर के टोल फ्री नंबर 1075 का राज्य सरकार प्रचार-प्रसार करे।
19 - सरकारी और निजी अस्पतालों में उपलब्ध बेड, वेंटिलेटर्स और आईसीयू की जानकारी सार्थक एप पर अपलोड की जाए।

 

Created On :   19 April 2021 5:48 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story