Pune City News: जागरूकता, समय पर जांच और स्वस्थ जीवनशैली ही कैंसर से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय

जागरूकता, समय पर जांच और स्वस्थ जीवनशैली ही कैंसर से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय
बदलती जीवनशैली और अस्वास्थ्यकर आदतें कैंसर का बड़ा कारण बन रहीं है

भास्कर न्यूज, पुणे। हर साल दुनियाभर में लाखों लोगों की जान लेने वाला कैंसर आज भारत में भी एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बन चुका है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, वर्ष 2023 में देश में लगभग 14 लाख नए कैंसर मरीज दर्ज किए गए और 2025 तक यह संख्या 15.7 लाख तक पहुंच सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि जागरूकता, समय पर जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इन मामलों में कुछ कमी लाई जा सकती है।

कैंसर के प्रमुख कारण

पुणे के मेडिकल ऑन्कोलॉजी निदेशक डॉ. मिनिष जैन के अनुसार, कैंसर तब विकसित होता है जब शरीर की कोशिकाओं में आनुवंशिक परिवर्तन (म्यूटेशन) हो जाते हैं और वे अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं।

उन्होंने बताया कि इसके प्रमुख कारण हैं -

तंबाकू और शराब का अत्यधिक सेवन, अस्वास्थ्यकर भोजन व मोटापा, हानिकारक रसायनों या रेडिएशन का संपर्क, संक्रमण जैसे HPV, हेपेटाइटिस बी और सी, पारिवारिक इतिहास या आनुवंशिक कारण, तनाव और नींद की कमी

बच्चों में कैंसर और उसका उपचार

डॉ. मिनिष जैन बताते हैं कि बच्चों में कैंसर प्रायः आनुवंशिक कारणों या विकास की प्रारंभिक अवस्था में कोशिकाओं में हुए बदलाव के कारण होता है।

आम रूपों में ल्यूकेमिया, ब्रेन ट्यूमर, लिम्फोमा, न्यूरोब्लास्टोमा और विल्म्स ट्यूमर शामिल हैं। समय पर लक्षणों की पहचान- जैसे थकान, वजन घटना, लगातार बुखार या सूजन यह बचाव में मददगार होती है। कैंसर का विकास अक्सर धीरे-धीरे होता है, लेकिन जीवनशैली और पर्यावरणीय कारक इसके जोखिम को कई गुना बढ़ा देते हैं।

पुणे की कंसल्टेंट ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. अस्मा पठान के अनुसार, पुणे में सबसे अधिक पाए जाने वाले कैंसर इस प्रकार हैं -

स्तन कैंसर (Breast Cancer) – महिलाओं में सबसे आम; समय पर जांच आवश्यक। मुख कैंसर (Oral Cancer) – तंबाकू, सुपारी और गुटखा सेवन मुख्य कारण। गर्भाशय ग्रीवा कैंसर (Cervical Cancer) – HPV संक्रमण से; वैक्सीन प्रभावी उपाय। फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer) – धूम्रपान के अलावा प्रदूषण और घरेलू धुआं भी कारण। कोलोरेक्टल कैंसर – जंक फूड और कम फाइबर वाला आहार जोखिम बढ़ाता है। प्रोस्टेट कैंसर – पुरुषों में सामान्य, 50 वर्ष के बाद नियमित जांच आवश्यक।

डॉ. पठान ने कहा, भारत में समस्या केवल कैंसर की नहीं, बल्कि देर से इलाज शुरू करने की है। जागरूकता और शुरुआती पहचान ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। अगर हम जागरूक हों, तो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को भी समय रहते हराया जा सकता है।




कैंसर की रोकथाम के लिए विशेषज्ञों ने सुझाव दिए हैं -

तंबाकू और शराब से दूरी बनाएं। पौष्टिक आहार लें और नियमित व्यायाम करें। त्वचा को सूरज की किरणों से बचाएं। नियमित स्वास्थ्य जांच जैसे मैमोग्राफी, पॅप स्मीयर, कोलोनोस्कोपी, PSA टेस्ट कराएं। HPV और हेपेटाइटिस बी वैक्सीन लगवाएं। जिनके परिवार में कैंसर का इतिहास है, वे जेनेटिक टेस्टिंग करवाएं। भारत में लगभग 40 प्रतिशत कैंसर मामलों को जीवनशैली में बदलाव, समय पर टीकाकरण और नियमित जांच के माध्यम से रोका जा सकता है।

Created On :   7 Nov 2025 6:23 PM IST

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