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हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में कहा- फर्जी वैक्सीनेशन रोकने नीति बनाए सरकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर में फर्जी टीकाकरण के मामलों को देखते हुए बांबे हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार और मुंबई महानगर पालिका को जरूरत के मुताबिक एक नीति तैयार करने को कहा है जिससे भविष्य में फर्जी या अवैध टीकाकरण घटनाएं रोकी जा सकें। मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए टीकाकरण से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार और महानगर पालिका को इस तरह के टीकाकरण कैंप का हिस्सा होना चाहिए या उसे रहिवासी कालोनियों या दफ्तरों में आयोजित किए जाने वाले निजी टीकाकरण कैंप की पूरी जानकारी होनी चाहिए जिससे लोगों को परेशानी न हो।
खडपीठ ने राज्य सरकार से मामले में चल रही जांच में हुई प्रगति से जुड़ी रिपोर्ट 24 जून को हाईकोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं। खंडपीठ ने कहा कि इसे लेकर नीति होनी चाहिए और रहिवासी कालोनी, अस्पतालों और स्थानीय प्रशासन के बीच संपर्क होना चाहिए जिससे इस तरह की घटना दोबारा न हो।
संकट में भी धोखाधड़ी से बाज नहीं आ रहे कुछ लोग
खंडपीठ ने कहा कि मामले में सबसे दुखद पहलू यह है कि जब पूरी मानवता पीड़ा झेल रही है तब भी कुछ लोग इस तरह की धोखाधड़ी कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने निर्देश दिए कि राज्य सरकार को मामले को हल्के में नहीं लेना चाहिए साथ ही सवाल किया कि क्या आरोपियों के खिलाफ महामारी रोकथाम अधिनियम और आपदा प्रबंधन कानून की गंभीर धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि वह इस बात का ध्यान रखे कि जांच में देरी न हो और अदालत को जांच में हुई प्रगति की जानकारी दे। हाईकोर्ट ने कहा कि यह गंभीर मुद्दा है और ठग मासूम लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार और बीएमसी को एसओएस के आधार पर निजी टीकाकरण कैंप को लेकर नीति बनानी चाहिए जिससे आगे इस तरह की घटनाएं न हों। खंडपीठ वकील अनीता कास्टलीनो द्वारा टीका लगवाने में आम लोगों को आ रही परेशानी से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रही थी। खंडपीठ ने बोरिवली की एक सोसायटी और फिल्म प्रोडक्शन हाउस में भी हुई फर्जी टीकाकरण कैंप का भी संज्ञान लिया। सरकारी वकील दीपक ठाकरे ने अदालत को बताया कि कांदिवली मामले में पांच आरोपी हैं जिनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि एक डॉक्टर फरार है। खंडपीठ ने मामले में सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। मामले पर अगली सुनवाई 24 जून को होगी।
घर-घर टीकाकरण को लेकर एक सप्ताह में तैयार होगी नीति
महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को हाईकोर्ट को बताया कि बुजुर्गों, अशक्तों और चल-फिर नहीं सकने वाले लोगों को कोविड-19 का टीका घर-घर जाकर लगाने का अभियान शुरू करने की उसकी नीति को सप्ताह भर में अंतिम रूप दे दिया जाएगा। सरकारी वकील गीता शास्त्री ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी के समक्ष एक मसौदा नीति दाखिल की। शास्त्री ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने इस तरह की एक नीति बनाने के लिए विशेषज्ञों और हितधारकों की सदस्यता वाली एक विशेष समिति गठित की है। उन्होंने बताया कि नीति का ब्योरा अब तक सार्वजनिक नहीं किया जा सका है, लेकिन इसे एक हफ्ते के अंदर अंतिम रूप दे दिया जाएगा और अदालत को सौंप दिया जाएगा।
Created On :   22 Jun 2021 9:00 PM IST