निर्माण कार्य के बाद मंजूरी वाले पर्यावरण मंत्रालय के परिपत्र पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक 

High Court stayed the circular of the Ministry of Environment approved after construction work
निर्माण कार्य के बाद मंजूरी वाले पर्यावरण मंत्रालय के परिपत्र पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक 
निर्माण कार्य के बाद मंजूरी वाले पर्यावरण मंत्रालय के परिपत्र पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी किए गए उस परिपत्र के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी हैजिससे कोस्टल रेगुलेशन जोन (सीआरजेड) के अंतर्गत निर्माण कार्य के बाद मंजूरी लेने का प्रावधान किया गया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की अधिसूचना के तहत यह परिपत्र 19 फरवरी 2021 को जारी किया गया है। कोर्ट ने कहा है कि याचिका पर अगली सुनवाई तक इस परिपत्र के आधार पर कोई अनुमति न दी जाए। 

इस परिपत्र की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए वन शक्ति नामक गैर सरकारी संस्था ने अधिवक्ता जमान अली के मार्फत हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।याचिका में दावा किया गया है कि यह परिपत्र मनमानी पूर्ण व असंवैधानिक है। इससे पर्यावरण के नियमों के उल्लंघन को बढ़ावा मिलेगा। लोग बेखौफ पर्यावरण से संबंध नियमों की अवहेलना करेंगे।जिसका पर्यावरण पर दूरगामी असर पड़ेगा। निर्माण कार्य के बाद मंजूरी के लिए आवेदन करेंगे। पर्यावरण मंत्रालय के पास इस तरह का परिपत्रजारी करने का अधिकार नहीं है। इसलिए इस परिपत्र को रद्द किया जाए अथवा इस पर रोक लगाई जाए। 

शुक्रवार को मुख्य न्याय न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता व्यंकटेश धोण्ड ने पर्यावरण के हित में पर्यावरण मंत्रालय के परिपत्र पर रोक लगाने का आग्रह किया। इस पर खंडपीठ ने परिपत्र की प्रासंगिकता पर सवाल उठाए और कहा कि फिलहाल इस परिपत्र के क्रियान्वयन पर रोक लगाई जाती है। खंडपीठ ने अब याचिका पर सुनवाई 30 जून 2021 को रखी है।
 

Created On :   7 May 2021 4:02 PM GMT

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