हाईटेंशन तारों के पास स्कूलों को लेकर हाईकोर्ट सख्त, मांगी स्कूलों की लिस्ट

High court strict about schools near high tension wires
हाईटेंशन तारों के पास स्कूलों को लेकर हाईकोर्ट सख्त, मांगी स्कूलों की लिस्ट
हाईटेंशन तारों के पास स्कूलों को लेकर हाईकोर्ट सख्त, मांगी स्कूलों की लिस्ट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने स्कूली विद्यार्थियों की सुरक्षा के प्रति गंभीर रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने मनपा, नासुप्र और महावितरण को शहर का सर्वेक्षण कर ऐसे स्कूलों के नाम तय करने के आदेश दिए हैं, जो हाईटेंशन तारों के नजदीक हैं। हाईकोर्ट के आदेश एड. शशिभूषण वाहाने की अर्जी पर आया है, जिसमें एड. वाहाने ने कोर्ट को बताया कि नागपुर में करीब 25 स्कूल हाईटेंशन तारों के बिलकुल नजदीक बने हैं। इससे स्कूली विद्यार्थियों और स्टॉफ को बड़ा खतरा है। हाईकोर्ट में गुरुवार को हाईटेंशन तारों से हो रही दुर्घटनाओं पर केंद्रित सू-मोटो याचिका पर सुनवाई हुई। 

यह है मामला
 शहर में कुछ वर्ष पूर्व दो छोटे बच्चों की हाईटेंशन तारों के संपर्क में आने से मृत्यु हो गई थी। इसके बाद भी ऐसे अन्य मामले सामने आए थे, जिसके बाद कोर्ट ने सूू-मोटो जनहित याचिका दायर की थी। इस मामले में मदद के लिए एक विशेष समिति गठित की गई थी। समिति ने शहर में अनेक निर्माणकार्य नियमों के विरुद्ध पाए। शहर में बगैर सोचे-समझे इस विकास के लिए समिति ने नासुप्र और मनपा काे काफी हद तक जिम्मेदार बताया है, वहीं अनधिकृत निर्माणकार्यों में बिजली आपूर्ति करने के लिए महावितरण और एसएनडीएल को भी जिम्मेदार ठहराया। समिति ने इन लोगों पर जुर्माना लगाने के साथ ही हाईटेंशन तारों पर इंसुलेटर लगाने, अंडरग्राउंड केबलिंग करने या फिर उनकी दिशा बदलने मंे से कोई एक विकल्प चुनने की सिफारिश की है।  

होगी बड़ी कार्रवाई

हाईकोर्ट की विशेष समिति ने कोर्ट को पूर्व में बताया था कि उन्हें 3934 परिसरों में बिजली नियमों का उल्लंघन होता मिला था। इसमें 3100 रिहायशी, 650 व्यावसायिक और 122 औद्योगिक इकाइयों का समावेश है। इसमें से 90 प्रतिशत लोगों ने मंजूर प्रारूप का उल्लंघन कर निर्माणकार्य किया है। हाईकोर्ट ने अवैध निर्माण गिराने के आदेश जारी किया है। बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश पर सुगतनगर स्थित आर्मर टाउनशिप के अनधिकृत निर्माणकार्य को भी प्रशासन ने तोड़ दिया है। टाउनशिप निवासियों की अर्जी को हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया था। साफ है कि हाईकोर्ट के गुरुवार के आदेश के बाद शहर में अनधिकृत निर्माणकार्य के खिलाफ बड़ी कार्रवाई देखने को मिलेगी।  मामले में एड. श्रीरंग भंडारकर न्यायालयीन मित्र की भूमिका में हैं। मनपा की ओर से एड. सुधीर पुराणिक और नासुप्र की ओर से एड. गिरीश कुंटे कामकाज देख रहे हैं।

Created On :   20 Sept 2019 11:02 AM IST

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