लॉकडाउन में पुलिस बर्बरता पर सख्त हुआ हाईकोर्ट, जांच के लिए एसआईटी के गठन का निर्देश

High court tightens on police vandalism in lockdown, SIT to investigate
लॉकडाउन में पुलिस बर्बरता पर सख्त हुआ हाईकोर्ट, जांच के लिए एसआईटी के गठन का निर्देश
लॉकडाउन में पुलिस बर्बरता पर सख्त हुआ हाईकोर्ट, जांच के लिए एसआईटी के गठन का निर्देश

डिजिटल डेस्क, मुंबई। लॉक डाउन को लागू कराने के दौरान पुलिस की कथित बर्बरता के चलते दो लोगों की मौत पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने इस प्रकरण को लेकर जारी जांच पर नाराजगी जाहिर करते हुए मुंबई पुलिस आयुक्त को प्रकरण की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने का निर्देश दिया है। इस दौरान अदालत ने कहा किपुलिस बर्बरता सिक्के का एक पहलू हैं। क्योंकि बहुत से लोग लॉक डाउन से जुड़े नियमों का पालन नहीं करते हैं। 

हाईकोर्ट ने पुलिस आयुक्त को एसआईटी के लिए दो आला दर्जे के अधिकारियों की नियुक्ति 24 घंटे के भीतर करने को कहा है और अगली सुनवाई के दौरान जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है। गौरतलब है कि जुहू इलाके में 29 मार्च 2020 को अपने रिश्तेदार के यहां जा रहे राजू देवेंद्र नामक एक युवक की पुलिस की कथित पिटाई के चलते मौत हो गई थी। जबकि शागिर खान नामक व्यक्ति की मौत का मामला दक्षिण मुंबई इलाके में आया था। 

इस विषय पर पेशे से वकील फिरदोस ईरानी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने मानवाधिकार संगठन की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि पुलिस बर्बता के चलते देश भर 15 लोगों की मौत हुई है इसमें से मुंबई में दो लोगों की मौत हुई है। 

सोमवार को सरकारी वकील पूर्णिमा कंथारिया ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति अनूजा प्रभुदेसाई की खंडपीठ के सामने मामले को लेकर प्रगति रिपोर्ट पेश की। उन्होंने कहा कि नए अधिकारी ने मामले की जांच को संभाला है। इसलिए जांच में अधिक प्रगति नहीं हुई हैं। इस मामले में चार पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया है। रिपोर्ट में जांच में कोई प्रगति न नजर आने पर खंडपीठ ने नाराजगी जाहिर की। खंडपीठ ने कहा कि नए अधिकारी को दस्तावेज हैंडओवर करने में 14 दिन क्यों लग गए?हम जांच से खुश नहीं है।

 इस दौरान खंडपीठ ने कहा कि बहुत से लोग लॉक डाउन से जुड़े नियमों का पालन नहीं करते हैं। पुलिस बर्बरता सिक्के का एक पहलू हैं। फिलहाल हमारे पास  मुंबई पुलिस आयुक्त को जांच के लिए एसआईटी के गठन करने का निर्देश देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। हमे विश्वास है एसआईटी निष्पक्षता से मामले की जांच करेगी। और दो महीने में अपनी जांच को पूरा करेंगी।  खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 21 सितंबर 2020 को रखी हैं। 

Created On :   17 Aug 2020 8:31 PM IST

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