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मीडिया ट्रायल को लेकर हाईकोर्ट की नसीहत- अपनी लक्ष्मण रेखा याद रखें
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मीडिया ट्रायल में किसी को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए। मीडिया को अपनी लक्ष्मण रेखा का ध्यान रखना चाहिए। सूचना देने के नाम पर दोष नहीं मढ़ा जाना चाहिए। गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले की मीडिया ट्रायल पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बाते उभर कर सामने आए। इस विषय पर कई सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारियों व अन्य लोगों ने याचिकाएं दायर की है। इस दौरान खंडपीठ ने कहा कि मीडियो को अपनी लक्ष्मण रेखा याद रखनी चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ के सामने एक याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अस्पी चिनॉय ने कहा कि न्याय प्रविष्ट मामलों की रिपोर्टिंग कानूनी दायरे में रहकर की जाए। क्योंकि रिपोर्टिंग पर आपत्ति नहीं है लेकिन मामले को लेकर पूर्वानुमान लगाना उचित नहीं है। यह न्याय व्यवस्था के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि किसे गिरफ्तार किया जाए किसे नहीं, कौन दोषी है कौन निर्दोष यह बताना कैसे रिपोर्टिंग के दायरे में आ सकता है। ऐसी रिपोर्टिंग जनमानस में किसी के दोषी होने की धारणा बनाती है। मीडिया ट्रायल में किसी को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।
इस पर खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के हवाले से कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी मीडिया को अपनी लक्ष्मण रेखा याद रखने की बात का उल्लेख किया है। खंडपीठ ने मामले की सुनवाई फिलहाल सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी है। इस दिन कोर्ट में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह अपना पक्ष रखेंगे।
Created On :   8 Oct 2020 7:57 PM IST