अमरावती और गडचिरोली में भी बनेगा शहद का गांव, दोनों जिले के एक-एक गांवों का हुआ चयन 

Honey village will also be built in Amravati and Gadchiroli
अमरावती और गडचिरोली में भी बनेगा शहद का गांव, दोनों जिले के एक-एक गांवों का हुआ चयन 
विश्व मधुमक्खी दिवस  अमरावती और गडचिरोली में भी बनेगा शहद का गांव, दोनों जिले के एक-एक गांवों का हुआ चयन 

डिजिटल डेस्क, मुंबई, अमित कुमार। महाराष्ट्र में सातारा के बाद अब अमरावती और गडचिरोली के एक-एक गांवों को ‘शहद का गांव’ के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए अमरावती के चिखलदरा तहसील के आमझरी गांव और गडचिरोली के भामरागड तहसील के टेकला गांव को चिन्हित किया गया है। अमरावती और गडचिरोली के इन दोनों गांवों को शहद के गांव के रूप में स्थापित किया जाएगा। इसके लिए विश्व मधुमक्खी दिवस के मौके पर 20 मई से ग्रामीणों को मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण योजना की शुरुआत की जाएगी। राज्य खादी व ग्रामोद्योग मंडल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशु सिन्हा ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में बताया कि सातारा के महाबलेश्वर तहसील के मांघर गांव को ‘शहद का गांव’ के रूप में स्थापित किया गया है। मांघर देश का ‘शहद का गांव’ गांव है। इसी तर्ज पर अब अमरावती और गडचिरोली के एक-एक गांव को ‘शहद का गांव’ बनाने के लिए चिन्हित किया गया है। इन दोनों गांवों में जिला ग्राम उद्योग अधिकारी ग्रामीणों और किसानों को मधुमक्खी पालन और बेहतरीन क्वालिटी वाले शहद के उत्पादन के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। ग्रामीणों को मधुमक्खी पालन के लिए बॉक्स (पेटी) दिए जाएंगे। साथ ही शहद उत्पादन के लिए प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जाएंगे। मधुमक्खियों के बारे में जानकारी देने के लिए सूचना सेंटर बनाया जाएगा। लोगों को आकर्षित करने के लिए सेल्फी पाइंट भी बनाया जाएगा। 

तैयार होगा खास ब्रांड 

‘शहद का गांव’ योजना के लिए जिला नियोजन समिति की निधि का इस्तेमाल किया जाएगा। सिन्हा ने कहा कि दोनों गांवों में उत्पादित होने वाले शहद का अलग से ब्रांड तैयार किया जाएगा। इससे लोगों को बिना मिलावट की शुद्ध शहद आसानी से उपलब्ध हो सकेगी। इन गांवों के शहद के ब्रांड को ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि दोनों गांवों में ग्रामीणों को प्रशिक्षण देकर उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा। दोनों गांवों को ‘शहद का गांव’ के रूप में घोषित किए जाने के बाद मधुमक्खी पालन व्यवसाय को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी ग्रामीणों की होगी। सिन्हा ने कहा कि कृषि पर्यटन के तर्ज पर हनी टूरिज्म को प्रोत्साहन देने की योजना है।

राज्य के हर जिले में शुरु होगी योजना 

सिन्हा ने कहा कि मधुमक्खी पालन व्यवसाय को बढ़ावा देकर गांवों को स्वावलंबी बनाने का प्रयास है। इसलिए मैंने राज्य के जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने की दृष्टि से अनुकूल गांवों को चिन्हित करने को कहा है। हम चाहते हैं कि हर जिले में तीन से चार गांव को शहद के गांव के रूप में तैयार किया जाएगा। इससे गांवों के लोगों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार का अवसर मिल सकेगा। 
 

Created On :   19 May 2022 3:03 PM GMT

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