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जुलाई से बढ़ेगा आशा सेविकाओं का मानधन, नागपुर मनपा के ग्राउंड रेंट कर पर लगी रोक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए काम करने वाली आशा सेविकाओं के मानधन में जुलाई 2022 से 500 रुपए बढ़ोतरी की जाएगी। विधान परिषद में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने यह जानकारी दी। टोपे ने कहा कि बेहतर काम में जिला स्तर पर प्रथम स्थान पर आने वाली आशासेविका को अब 5 हजार के बदले 50 हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। जबकि द्वितीय स्थान पर आने वाली आशासेविका को 30 हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। राज्य स्तर पर प्रथम स्थान की आशा सेविका को 1 लाख रुपए, द्वितीय स्थान की आशा सेविका को 75 हजार रुपए और 50 हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य प्रज्ञा सातव ने आशा सेविकाओं के मानधन समेत अन्य मांगों को लेकर सवाल पूछा था। इसके जवाब में टोपे ने कहा कि जुलाई 2021 में आंदोलन के बाद आशा सेविकाओं के मानधन में प्रति महीने 1500 रुपए और आशा प्रवर्तकों के लिए 1700 रुपए बढ़ाए गए थे। इसलिए आशा सेविकाओं को बढ़े हुए मानधन के अनुसार बकाया राशि इस मार्च महीने के आखिर तक अदा कर दी जाएगी। टोपे ने कहा कि राज्य के गैर आदिवासी इलाकों में आशा सेविकाओं को काम के आधार पर 10 हजार रुपए तक और आदिवासी इलाकों में 11 हजार रुपए तक मानधन मिलता है। टोपे ने कहा कि कोरोना काल में 11 आशा सेविकाओं की मौत हुई थी। इसमें से 8 आशा सेविकाओं के परिजनों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लाभ प्रदान कर दिया गया है। जबकि 3 परिजनों को मदद का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा गया है।
नागपुर मनपा के ग्राउंड रेंट कर पर लगी रोक, नगर विकास मंत्री ने विधानसभा में दी जानकारी
नागपुर महानगर पालिका के भूखंडों के किराया नवीनीकरण और हस्तांतरण पर लगाए जाने वाले 8 फीसदी ग्राउंड रेंट को स्थगित कर दिया गया है। इसके अलावा सरकार नागपुर महानगर पालिका द्वारा निश्चित किराए की वसूली पर रोक लगाकर इस्तेमाल के मुताबिक अलग-अलग दर से किराया वसूलने पर भी विचार कर रही है। इस पर विचार के लिए एक समिति गठित की जाएगी। शहरी विकासमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को विधानसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस बाबत अंतिम फैसला होने तक पुरानी 0.02 फीसदी की दर से की कर वसूला जाएगा। हालांकि अंतिम फैसले के बाद उसी दर से लोगों से बकाया भी वसूला जाएगा। जिसके लिए लोगों से पहले से सहमित ली जाएगी। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए ग्राउंड रेंट कर 0.02 फीसदी से बढ़ाकर 8 फीसदी किए जाने का मुद्दा उठाते हुए दावा किया था कि इससे लोगों को परेशानी हो रही है। नागपुर महानगर पालिका ने इसे रद्द करने के लिए प्रस्ताव पास कर शहरी विकास विभाग के पास भेजा है। जवाब देते हुए मंत्री शिंदे ने बताया कि सितंबर 2019 में यह कर बढ़ाए जाने का असर महानगर के किराया वसूली पर हुआ है। शहरी इलाके में लोगों को ज्यादा सुविधाएं देने के मकसद से तत्कालीन सरकार ने यह फैसला लिया था। लेकिन बड़ी संख्या में लोग इसे रद्द करने की मांग कर रहे थे। लोगों की यह भी मांग है कि जमीन के इस्तेमाल के मुताबिक कर वसूला जाए। इसलिए सरकार ने दर तय करने के लिए समिति बनाकर बाजार मूल्य के मुताबिक ऐसा कर लगाया जाएगा जिसे लोग भर सकें। फिलहाल 8 फीसदी की दर को स्थगित किया जा रहा है।
Created On :   25 March 2022 10:03 PM IST