लघुकथा के जरिए दिखाई बाल आश्रम की भयावहता

Horror of Child labor shown through short story
लघुकथा के जरिए दिखाई बाल आश्रम की भयावहता
संघर्ष लघुकथा के जरिए दिखाई बाल आश्रम की भयावहता

डिजिटल डेस्क, धामणगांव। तहसील में आज भी अनेक ऐसे परिवार है जो संघर्षपूर्ण जीवन जी रहे है। एक के बाद एक संकटों का सामना तहसील के अधिकांश गांव के परिवारों को करना पड़ता है। खेतों में मजदूरी किए बिना दो जून की रोटी नसीब नहीं होती है। वहीं, मन में स्कूल जाने की इच्छा रहने के बाद भी जा नहीं पाते हैं क्योंकि परिवार की आजीविका को चलाने के लिए माता-पिता के साथ बालकों को भी श्रम करना पड़ता है। ऐसे ही बाल श्रमिकों की भयावहता के बारे में धामणगांव तहसील के दाभाड़ा गांव के नौनिहालों ने व्यक्त किया है।

शिक्षा की लालसा को काल्पनिक लघुकथा शिकू दे देवा में प्रस्तुत किया। तहसील में अनेक परिवारों को कोरोना काल में आर्थिक संकट से जूझना पड़ा। आज भी अनेक बालक शाला में प्रवेश नहीं ले पाए। पिता के साथ खेत में काम करने के अलावा उनके समक्ष कोई विकल्प नहीं है। जिसकी वजह से बाल मजदूरी का प्रमाण बढ़ गया है। इसलिए दाभाड़ा, वसाड और गव्हानिपानी गांव के युवाओं ने शैक्षणिक जीवन का महत्व सभी को समझने, शिक्षा से मनुष्य का उद्धार कैसे होता है और शिक्षा के लिए मजदूरों के बच्चों को संघर्ष का सामना किस प्रकार से करना पड़ता है। इस बारे में लघुकथा के माध्यम से दर्शाया गया। 

यह है कहानी

कर्ज में डूबे मजदूरों के बालकों को शिक्षा से वंचित रहना पड़ता है। परिस्थिति उन्हें बाल मजदूरी करने के लिए मजबूर करती है। खेतों में जाने के बाद खेत मालिक अतिरिक्त काम करवाते हैं। ऐसे में खेत मालिक के दीवानजी इन बाल श्रमिकों को किताबें लाकर देते हैं।

यह बालक काम छोड़कर पढ़ाई करते हुए खेत मालिक को दिखाई देने पर वह इन बच्चों को मारपीट करते हैं। लेकिन खेत मालिक को अपने द्वारा किए गए कृत्य का पश्चतावा होता है और खेत मालिक सभी बालकों को शाला में प्रवेश दिलाते है। यह भावस्पर्शी दृश्य सभी के आंखों में आंसू ला देता है। 

इनका मिला सहयोग

बाल श्रमिकों के संघर्ष को दर्शाने वाली शिकू दे देवा लघुकथा का लेखन सुहास ठोसर ने किया है। दिग्दर्शन लीलाधर भेंडे ने किया और लघुकथा प्रस्तुति के लिए आशीष ठोसर, मयूर जुनघरे, प्रेम भेंडे, अभिजीत खातखेडे, अरुण जुनघरे, बंडू हेंबाडे, रोशन इंगले, पवन सावंत, मनीष ठाकरे, कपिल उईके, वेदांत वसू, वैभव जाधव, अभय जुनघरे, अलोक उचके, सागर ठाकरे, प्रमोद भेंडे का सहयोग मिला।

Created On :   30 Jan 2022 5:25 PM IST

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