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DNA टेस्ट से खुलेगा जेल में अविवाहित महिला कैदी के गर्भवती होने का राज
डिजिटल डेस्क शहडोल । जिला जेल में निरुद्ध अविवाहित महिला कैदी के गर्भवती होने का राज डीएनए टेस्ट के बाद खुल पाएगा। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने महिला कैदी के डीएनए का सेंपल परीक्षण के लिए सागर स्थित लैब भेजा है। न्यायिक जांच कर रहे न्यायाधीश के निर्देश के बाद कोतवाली पुलिस युवती को लेकर जिला चिकित्सालय पहुंची थी, जहां डॉक्टरों की टीम ने सेंपल लिया। विदित हो कि फरवरी माह से युवती गांजा तस्करी के आरोप में एक अन्य महिला के साथ जेल में विचाराधीन बंदी के रूप में निरुद्ध है। जिसने गत महीने एक बच्चे को जन्म दिया, लेकिन सात महीने का बच्चा मृत हो गया। इस मामले में जेल प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगे। सवाल उठे कि अविवाहित महिला बंदी कैसे गर्भवती हो गई। मामले की न्यायायिक जांच शुरु कराई गई। इस बीच महिला संगठन ने वस्तुस्थिति का पता लगाने के लिए डीएनए टेस्ट की मांग उठाई थी। साथ ही सवाल खड़े किए कि जेल प्रबंधन इस बात से कैसे अनभिज्ञ रहा कि महिला कैदी गर्भवती है। जबकि नियमानुसार हर महीने चिकित्सकीय परीक्षण होता है। पुलिस ने सागर लैब युवती के डीएनए का सेंपल भेजा है जिसकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है ।
इनका कहना है
महिला बंदी का डीएनए सेंपल जांच के लिए सागर लैब भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट जल्द मिले इसका प्रयास किया जाएगा।
शिव कुमार वर्मा, एएसपी शहडोल
कन्या महाविद्यालय में छात्रों के प्रवेश का विरोध- वर्तमान में कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव की गहमागहमी बनी हुई है। इस बीच गुरुवार को उस समय विवाद की स्थिति बन गई जब इंदिरा गांधी कन्या महाविद्यालय में एक संगठन के पुरुष कार्यकर्ता प्रचार करने जा पहुंचे। जिस पर कॉलेज की छात्राओं ने कड़ी आपत्ति जताते हुए इसका विरोध किया। इनके समर्थन में विद्यार्थी परिषद की छात्राएं सामने आईं। इनका आरोप था कि प्रबंधन जानबूझकर ऐसी स्थितियां निर्मित करा रहा है जिससे छात्राओं का नेतृत्व उभरने न पाये। परिषद की महाविद्यालय अध्यक्ष वर्षा जायसवाल, दिव्या मिश्रा सहित जिला विस्तारक अंकिता तिवारी कॉलेज की छात्राओं के विरोध का समर्थन करते हुए कहा कि कन्या महाविद्यालय में लड़कों के प्रवेश पर प्रभावी रोक लगनी चाहिए। इस बारे में महाविद्यालय के निर्वाचन अधिकारी डॉ. सुनील कुमार सक्सेना का कहना है कि बिना प्रवेश पत्र के किसी का भी प्रवेश वर्जित है। चुनाव के दौरान संगठन के लोगों का भी भीतर आना वर्जित किया गया है।
Created On :   27 Oct 2017 1:57 PM IST