मुंबई-पुणे हाईवे पर आखिर कब तक होगी टोल वसूली, हाईकोर्ट का सरकार से सवाल

How long will toll be collected on the Mumbai-Pune highway, High Court questions to government
मुंबई-पुणे हाईवे पर आखिर कब तक होगी टोल वसूली, हाईकोर्ट का सरकार से सवाल
मुंबई-पुणे हाईवे पर आखिर कब तक होगी टोल वसूली, हाईकोर्ट का सरकार से सवाल
हाईलाइट
  • 15 वर्षों में हो चुकी है 6673 करोड़ की वसूली
  • 2600 करोड़ थी इस परियोजना की लागत   

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अच्छी सड़के देना सरकार की जिम्मेदारी है। ऐसे में मुंबई–पुणे एक्सप्रेस वे पर कितने सालों तक टोल वसूली की जाएगी। बांबे हाईकोर्ट ने बुधवार को पेशे से वकील प्रवीण वाटेगांवकर की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सवाल किया। याचिका में दावा किया गया है कि आईआरबी को 15 सालों के लिए मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे के टोल वसूली का ठेका दिया गया था। इसके तहत 4430 करोड़ रुपए टोल वसूल किया जाना अपेक्षित  था। लेकिन इस अवधि में 6673 करोड़ रुपए टोल के तौर पर वसूला गया। श्री वाटेगांवकर के मुताबिक एक्सप्रेस वे की लागत करीब 2600 करोड़ रुपए थी। इस लिहाज से एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट की लागत वसूल की जा चुकी है। इसलिए टोल की वसूली बंद की जानी चाहिए। 

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की खंडपीठ ने याचिका पर गौर करने के बाद कहा कि लोग कर का भुगतान करते हैं। नागरिकों को अच्छी सड़के उपलब्ध कराना सरकार का दायित्व है। ऐसे में सरकार की ओर से टोल वसूली कहा तक न्यायसंगत हो सकती है। इस याचिका में काफी व्यापक मुद्दे को उठाया गया है, लेकिन हमारी चिंता का विषय है कि आखिर कितने सालों तक मुंबई-पुणे महामार्ग पर टोल की वसूली की जाएगी।  इसके अलावा जिस अनुपात में टोल को वसूला जाता है क्या उसी अनुपात में सरकार को भुगतान भी किया जाता हैॽ प्रसंगवश खंडपीठ ने कहा कि यदि कोई मुंबई से कोल्हापुर जाता है तो उसे कई जगह टोल के रुप में बड़ी रकम चुकानी पड़ती है। खंडपीठ ने फिलहाल इस मामले में महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (एमएसआरडीसी) को दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। 

2030 तक टोल वसूली का अधिकार 

इससे पहले एमएसआरडीसी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने खंडपीठ के सामने कहा कि एमएसआरडीसी के पास साल 2030 तक मुंबई-पुणे महामार्ग पर टोल वसूली का अधिकार है। टोल के रुप में मिली रकम का इस्तेमाल सड़क के विस्तार व मरम्मत के लिए किया जाता है। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि याचिका में गंभीर मुद्दे को उठाया गया है। इसलिए हम इस मामले में एमएसआरडीसी का जवाब चाहते हैं।  

 

Created On :   17 Feb 2021 12:54 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story