प्रदेश में अब तक कितने बने आयुष्मान कार्ड - हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से माँगी जानकारी, अगली सुनवाई 19 अप्रैल को

How many Ayushman cards have been made in the state so far - information sought from the High Court, the government
प्रदेश में अब तक कितने बने आयुष्मान कार्ड - हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से माँगी जानकारी, अगली सुनवाई 19 अप्रैल को
प्रदेश में अब तक कितने बने आयुष्मान कार्ड - हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से माँगी जानकारी, अगली सुनवाई 19 अप्रैल को

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार से जानकारी माँगी है कि प्रदेश में अब तक कितने आयुष्मान कार्ड बने हैं। डिवीजन बैंच ने मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को नियत की है। शाजापुर के एक निजी अस्पताल में बिल वसूली के लिए एक बुजुर्ग के हाथ-पैर बाँधने की घटना पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की है। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने आवेदन दायर कर बताया कि वर्ष 2018 में आयुष्मान भारत योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत मरीज सरकारी और निजी अस्पताल में 5 लाख रुपए तक का इलाज करा सकते हैं। प्रदेश में अभी तक 25 प्रतिशत हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड बन पाए हैं। प्रदेश के 60 प्रतिशत सरकारी अस्पतालों को ही आयुष्मान कार्ड की योजना में शामिल किया गया है। आवेदन में कहा गया कि यदि शत-प्रतिशत आयुष्मान कार्ड बना दिए जाएँ तो गरीबों को इलाज कराने में आसानी हो जाएगी।
 डिवीजन बैंच ने 9 फरवरी को राज्य सरकार को तीन माह के भीतर आयुष्मान कार्ड बनाने का काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता आरके वर्मा ने बताया कि डिवीजन बैंच के आदेश के परिपालन में 12 मार्च को रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी गई है। प्रदेश में आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए 1 मार्च से लेकर 30 मार्च तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में शासकीय संस्थाओं के साथ एनजीओ को भी जोड़ा गया है। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार से जानकारी माँगी है कि अब तक कितने आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। 
 

Created On :   26 March 2021 10:20 AM GMT

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