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अपनी ही पार्टी के खिलाफ करना पड़ा अनशन, जब किसी ने नहीं सुना तो रो पड़े जिला पंचायत अध्यक्ष
डिजिटल डेस्क शहडोल । अपनी ही पार्टी के शासनकाल मे उपेक्षा का दंश झेल रहे यहां के जिला पंचायत शहडोल के अध्यक्ष प्रेस कांफेंस में फफक - फफक कर रो पड़े । जिला शिक्षा केन्द्र के डीपीसी के खिलाफ चार दिन से अनशन में बैठे जिला पंचायत शहडोल के अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह मरावी जिला प्रशासन की उपेक्षा से इतने व्यथित हुए कि अपनी बात कहते हुए प्रेस कांफ्रेंस में रो पड़े। जिपं अध्यक्ष ने कहा कि प्रशासन को पूर्व में ज्ञापन सौंपा गया था, कार्यवाही नहीं होने पर अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया गया लेकिन चार दिन होने पर भी प्रशासन ने सुध नहीं ली। श्री मरावी इतना तक कह गए कि जिपं अध्यक्ष से बेहतर तो चपरासी होता, कम से कम लोगों को पानी तो पिला सकता था। जिपं अध्यक्ष केवल इतना ही बोल पाए थे और रो पड़े। पंचायत प्रतिनिधियों ने कमिश्नर कार्यालय तक पैदल मार्च करतेे हुए राज्यपाल के नाम उपायुक्त एम.पी.बरार को ज्ञापन सौंपा।
यह हैं प्रमुख मांगे- ज्ञापन में आरोपित किया है कि जिला परियोजना समन्वयक मदन कुमार त्रिपाठी द्वारा प्रतिनियुक्ति आड़ में किए गए दो दर्जन से अधिक अध्यापक संवर्ग के शिक्षकों का संविलियन निरस्त कर डीपीसी के खिलाफ कार्यवाही की जाए। सोहागपुर, गोहपारू, जयसिंहनगर एवं बुढ़ार में चार वर्ष से अधिक समय से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत बीआरसी को हटाया जाए। डीपीसी की बहू की नियम विरुद्ध वरिष्ठ अध्यापक पद की गई पदोन्नति को निरस्त किया जाए। कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास में एकाउंटेंट के पद पर पदस्थ डीपीसी के भाई महेन्द्र त्रिपाठी तथा कन्या छात्रावास भठिया में एकाउंटेंट सुरेन्द्र सिंह को इन्हे हटाया जाए। इन मांगों के अलावा रोजगार सहायकों, पंचायत सचिवों, उपयंत्रियों के स्थानांतरण निरस्त किए जाएं। जिले में अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाई जाए। एसईसीएल एरिया के खैरहा, कदौहा, धमनी, छिरहटी, नौगवां, खन्नाध, बिम्हौरी में स्वास्थ्य, पेयजल की सुविधाएं दिलाई जाएं।
ये भी रहे उपस्थित-
त्रिस्तरीय पंचायतीराज संगठन के बैनर तले कलेक्टर कार्यालय के सामने जय स्तंभ चौक में जिला पंचायत अध्यक्ष सहित पंचायत पदाधिकारी चार सूत्रीय मांगोंं को लेकर 19 सितम्बर से धरना दे रहे हैं। शुक्रवार को धरना स्थल में जिला पंचायत उमरिया की अध्यक्ष सुश्री ज्ञानवती सिंह, जिपं अनूपपुर की अध्यक्ष रूपमति सिंह, ब्यौहारी विधायक रामपाल सिंह, जनपद पंचायत बुढ़ार के अध्यक्ष ललन सिंह, जनपद पंचायत सोहागपुर की अध्यक्ष श्रीमती मीरा सिंह, जिपं सदस्य रामप्रताप कुशवाहा, तेजप्रताप सिंह उईके, गीता कोल सहित जनपद पंचायतों के सदस्य एवं सरपंच उपस्थित थे। जिपं उमरिया की अध्यक्ष सुश्री ज्ञानवती एवं ब्यौहारी विधायक ने आरोप लगाया है पूरे संभाग में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार है। प्रमाणित शिकायतों के बाद भी कार्यवाही नहीं होती है। जिसमें मंत्रियों, अधिकारियों की मिलीभगत है।
पदाधिकारियों ने लगाए नारे-
कमिश्नर कार्यालय में पंचायत पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए। चार सूत्रीय मांगों पर प्रशासन द्वारा कार्यवाही नहीं किए जाने से सदस्यों में जमकर आक्रोश था। कमिश्नर कार्यालय के गेट पर खड़े होकर पंचायत पदाधिकारी काफी देर तक जिला प्रशासन के खिलाफ नारे लगाते रहे।
भाजपा ने किया किनारा-जिपं पंचायत अध्यक्ष के धरना ेसे भाजपा ने भी किनारा कर लिया है। इस संबंध में भाजपा जिलाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह छाबड़ा कहना है कि जिपं अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह मरावी ने आंदोलन के पहले पार्टी स्तर पर कोई चर्चा नहीं की। इसलिए उनके आंदोलन को समर्थन देने का सवाल नहीं है।
इनका कहना है-
जिला पंचायत अध्यक्ष की मांगों पर सीईओ द्वारा उनसे चर्चा की जा रही है और 15 दिन के भीतर उनके ज्ञापन के बिन्दुओं पर जांच करके कार्यवाही का आश्वासन दिया गया है।
मुकेश शुक्ला कलेक्टर शहडोल
Created On :   22 Sept 2017 6:04 PM IST