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पति अकेले हैं, किसी के चक्कर में न पड़ जाएं, इसलिए जाने की अनुमति चाहिए सर
डिजिटल डेस्क अनूपपुर। लॉकडाउन के कारण कई लोग दूसरे शहरों और राज्यों में फंसे हुए हैं। किसी की पत्नी पास नहीं है तो किसी का पति, जबकि किसी के बच्चे घर से दूर हैं। ऐसे में उनके पास जाने या फिर उनको घर लाने के लिए ई-पास बनवाए जा रहे हंै। इस समय ई-पास के लिए आवेदनों की बाढ़ सी आ गई है। इसके लिए लोग तरह-तरह के तर्क दे रहे हैं। किसी का कहना है कि पति दो माह से अकेले हैं कहीं उनका किसी के साथ अफेयर न शुरू हो जाए, वहीं किसी ने लिखा है कि मेरी शादी होनी है, अगर मैं घर नहीं पहुंचा तो बारात कैसे जाएगी। इसी तरह अधिकतर लोगों ने पत्नी को बीमार कर दिया है, लेकिन बीमारी के कोई दस्तावेज नहीं लगाए। जिले में 13 अप्रैल से लेकर 14 मई तक ई-पास के लिए कुल 5028 आवेदन किए गए। इनमें से 1734 लोगों को पास जारी किया गया है। वहीं 2092 आवेदन रिजेक्ट कर दिए गए, क्योंकि इनमें न तो दस्तावेज लगे थे और न ही स्पष्ट कारण बताया गया था। शादी संबंधी एक आवेदन में तो एसडीएम ने आवेदक से 50 लोगों की सूची की मांग की है। ताकि इस बात की पुष्टि की जा सके कि आवेदन सही या नहीं
1. दो माह से रायपुर में अकेले रह रहे पति
अनूपपुर जिले में ही निवास करने वाली एक महिला ने छत्तीसगढ़ जाने के लिए अनुमति मांगी। विवरण में उसने लिखा है कि उसके पति रायपुर में रहकर नौकरी करते हैं, बीते 2 महीने से वह अकेले रह रहे हैं। उसे डर है कि वह किसी अन्य के प्यार में न पड़ जाएं। बेटा भी पिता के पास जाने की जिद कर रहा है, अत: आपसे निवेदन है की जाने की अनुमति प्रदान कर मेरे गृहस्थ जीवन को सुरक्षित करें।
2. मेरे बिना घर से बारात कैसे जाएगी
एक युवक ने लिखा है कि कि मेरा ब्याह हो रहा है। घर में शादी की तैयारियां चल रही हैं और मैं लॉकडाउन में यहां फंसा हुआ हूं। यदि मुझे घर वापस जाने की अनुमति नहीं दी गई तो फिर बारात कैसे जाएगी। एक अन्य मामले में चचाई थाना अंतर्गत एक ग्राम में निवास करने वाले युवक ने बारात लेकर जाने के लिए अनुमति के लिए आवेदन किया है। उसने तो शादी व तिलकोत्सव की डेट तक लिख दी है।
3. पत्नी की तबीयत खराब है, इलाज के लिए बाहर जाना है
जिले में चिकित्सा सुविधा बेहतर नहीं होने के कारण मरीजों को इलाज के लिए दूसरे राज्य या फिर दूसरे जिलों में जाना पड़ता है। इसलिए इलाज का कारण सबसे अधिक बताया जा रहा है। इसमें भी पत्नी की बीमारी का जिक्र किया जा रहा है। अब तक किए गए आवेदनों में 2000 लोगों ने इलाज के नाम पर आवागमन की अनुमति चाही है, लेकिन इनमें से आधे ने पर्याप्त दस्तावेज तक नहीं लगाए हैं।
इनका कहना है
ऑनलाइन आवेदन में लोगों के द्वारा इलाज के साथ-साथ अजीबोगरीब तर्क भी लिखे जा रहे हैं। दस्तावेज और बताए गए कारणों के परीक्षण के पश्चात ही पास जारी किया जा रहा है।
डॉ. सोनू राजपूत, लोक सेवा प्रबंधक अनूपपुर
Created On :   14 May 2020 11:22 PM IST