वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन के पड़पोते ने कहा, अंग्रेजों की ओर से आपसे माफी मांगता हूं

i am Apologizing to indian people:feliks pedal
वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन के पड़पोते ने कहा, अंग्रेजों की ओर से आपसे माफी मांगता हूं
वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन के पड़पोते ने कहा, अंग्रेजों की ओर से आपसे माफी मांगता हूं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महान वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन के परपोते मानव जीवन वैज्ञानिक फेलिक्स पेडल ने कहा कि भारत में अंग्रेजों के शासन से ही आदिवासियों पर अन्याय हो रहा है। लंबा समय बीतने के बाद भी अन्याय थमने का नाम नहीं ले रहा है। आदिवासी बंधुओं, अंग्रेजों की ओर से मैं आपसे क्षमा मांगता हूं। उन्होंने ऐसी भावपूर्ण अपील आदिवासी मंच की ओर से आयोजित 11 वें विश्व आदिवासी अधिकार दिवस के अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए की। यह आयोजन ‘आदिवासी जीवनशैली, जीवन मूल्य व संस्कृति’ विषय पर सभा आयोजित की गई।  

वैज्ञानिक फेलिक्स पेडल ने कहा कि अंग्रेजों ने शासन के लिए वन विभाग का निर्माण कर आदिवासी और प्रकृति के बीच दरार पैदा की थी। पूंजीवाद थोंपकर आदिवासियों की संस्कृति को खत्म करने की कोशिश की। तब भी और आज भी बांधों के निर्माण के लिए आदिवासियों के गांव हटाए जा रहे हैं। आदिवासियों ने अगर आंदोलन नहीं किया होता तो उद्योजकों का आधे जंगल पर राज होता। जंगल भले ही किसी एक की संपत्ति न हो, तब भी यह आदिवासियों की सामूहिक धरोहर है। उनसे जंगल का अधिकार छिनने से अन्याय हो रहा है। आदिवासियों पर ही विश्व के भविष्य की नींव टिकी है। उन्होंने बताया कि यह बात वे ऑस्ट्रेलिया, भारत, अमेरिका आदि देशों में आदिवासियों के बीच रहकर किए अध्ययनों के बाद कह रहे हैं। आदिवासियों की इस तरह की परिस्थिति के लिए यहां की शिक्षा प्रणाली जिम्मेदार है। यह दुनिया भर में सबसे ज्यादा लोकतांत्रिक जाति है, फिर भी इसे उपेक्षित रखा जा रहा है। कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्यमंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते, अशोक चौधरी और आयोजक दिनेश मडावी के साथ आदिवासी समाज के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।

Created On :   14 Sep 2017 8:40 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story