शरद पवार बोले - मैं यूपीए अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी नहीं लूंगा, कांग्रेस को साथ लेकर ही बन सकता है विकल्प

I will not take the responsibility of the post of UPA President - Pawar
शरद पवार बोले - मैं यूपीए अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी नहीं लूंगा, कांग्रेस को साथ लेकर ही बन सकता है विकल्प
कोल्हापुर शरद पवार बोले - मैं यूपीए अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी नहीं लूंगा, कांग्रेस को साथ लेकर ही बन सकता है विकल्प

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने स्पष्ट कर दिया है कि वे कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) का अध्यक्ष नहीं बनेंगे। पवार ने कहा कि मुझे यूपीए का अध्यक्ष बनने में थोड़ी भी रुचि नहीं है। रविवार को कोल्हापुर में पवार ने कहा कि राकांपा युवक कांग्रेस ने एक बैठक में मुझे यूपीए का अध्यक्ष बनाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है। लेकिन मैं यूपीए का अध्यक्ष बनने के चक्कर में नहीं पड़ूंगा। मगर यदि कोई विपक्ष को एकजुट करके देश में विकल्प देने का प्रयास करता होगा तो मैं उनका सहयोग और समर्थन करूंगा। पवार ने कहा कि कांग्रेस को साथ में लेकर ही कोई विकल्प दिया जा सकता है। पवार ने कहा कि विपक्ष को एकजुट करते समय हम वास्तविकता की ओर अनदेखी नहीं कर सकते।  पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ताकवान पार्टी है। दूसरे कई स्थानीय दलों का वर्चस्व अपने राज्य में है। लेकिन कांग्रेस का संगठन देश के हर राज्य और जिले में है। देश में कांग्रेस का एक व्यापक जनाधार है। इसलिए कांग्रेस को साथ में लेकर ही विपक्ष की ओर से कोई विकल्प दिया जा सकता है। शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा कि यूपीए अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी गांधी परिवार के बजाय किसी दूसरे नेता को दी जानी चाहिए। इस पर पवार ने कहा कि मैं राऊत की राय से सहमत नहीं हूं।  

राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए ममता ने मुंबई में बैठक बुलाने दिया सुझाव 

पवार ने कहा कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर  पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुझे और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को मुंबई में विपक्ष की बैठक बुलाने का सुझाव दिया है। लेकिन हमने अभी तक बैठक के बारे में कोई विचार नहीं किया है। पहले हमें तमिलनाडू, केरल, आंध्रप्रदेश, तेलगांना और राजस्थान सहित गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा करनी होगी। विपक्ष के सभी दलों को विश्वास में लेकर ही बैठक बुलाई जाएगी। जिसमें राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के चुनाव की रणनीति और मौजूदा राजनीतिक हालत का सामना करने के बारे में चर्चा की जाएगी। 

 

Created On :   3 April 2022 6:47 PM IST

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