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ट्रेन के कोच में नहीं बना सकते आईसीयू, हाईकोर्ट को केंद्र सरकार ने दी जानकारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। रेलवे ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि ट्रेन के कोच को आईसीयू केंद्र में नहीं बदला जा सकता। क्योंकि इसके लिए कोच के ढांचे व डिजाइन में बदलाव करना पड़ेगा। जो फिलहाल संभव नहीं है। गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने रेलवे, सरकार व स्थानीय निकाय की इस असमर्थता को देखते हुए इस विषय पर दायर की गई याचिका को समाप्त कर दिया। यह याचिका मुंबई निवासी नरेश कपूर ने दायर की थी। खंडपीठ ने कहा कि मौजूदा समय में कोरोना के चलते स्थिति बेहद खराब नहीं दिख रही है। लेकिन हमें उम्मीद है कि हालात खराब होने की स्थिति में मरीजो को राहत के लिए सभी उपाय किये जायेंगे। कोच को आईसीयू केंद्र में बदला जाए कि नहीं यह तय करना कार्यपालिका का काम हैं। इससे पहले खंडपीठ ने मामले को लेकर मध्य रेलवे के चीफ रोलिंग स्टाफ इंजीनियर की ओर से दायर किए गए हलफनामे का निरीक्षण किया।
हलफनामे में कहा गया था कि रेलवे कोच को क्वारेंटाइन व आयसोलेशन केंद्र के रूप बनाया गया है। जहां कोरोना के कम लक्षणवाले मरीजों को रखा जा सकता है। लेकिन कोच को आईसीयू में बदलने के लिए उसके ढांचे व डिजाइन में बदलाव करना पड़ेगा। जो कोच के निर्माण के आरंभिक दौर में ही संभव है। इसके अलावा यदि कोच आईसीयू केंद्र में बदले गए तो बाद में तुरंत इनका इस्तेमाल नहीं हो पाएगा। राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में रेलवे को कोई आग्रह पत्र भी नहीं मिला है। इस हलफनामे के मद्देनजर खंडपीठ ने इस विषय पर दायर याचिका को समाप्त कर दिया।
Created On :   2 July 2020 2:52 PM GMT