अलीबाग के अवैध बंगलों के मामले में हाईकोर्ट ने पूछा, कानून से ऊपर हैं क्या बड़ी हस्तियां ?

Illegal bungalows in Alibaug, High Court asked, big celebrities are above law?
अलीबाग के अवैध बंगलों के मामले में हाईकोर्ट ने पूछा, कानून से ऊपर हैं क्या बड़ी हस्तियां ?
अलीबाग के अवैध बंगलों के मामले में हाईकोर्ट ने पूछा, कानून से ऊपर हैं क्या बड़ी हस्तियां ?

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने सवाल किया है कि क्या रसूख वाली बड़ी हस्तियों पर देश का कानून लागू नहीं होता? और उनके लिए अलग कोई कानून है? हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी अलीबाग में समुद्र के किनारे बने अवैध बंगलों के खिलाफ कार्रवाई न किए जाने को लेकर की है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के दौरान रायगढ जिले के जिलाधिकारी को प्रकरण से जुड़े रिकार्ड के साथ उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ ने यह निर्देश एक गैर सरकारी संस्था की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। याचिका में दावा किया गया है कि अलीबाग में समुद्र के किनारे नियमों के विपरीत धनवान व प्रभावशाली  लोगों के बंगले बने हुए हैं। कोर्ट के निर्देश के बावजूद इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। अलीबाग में बने अवैध बंगलों में  एक बंगाला पंजाब नेशनल बैंक घोटाला मामले के आरोपी नीरव मोदी का भी था। जिसे बाद में ढहा दिया गया था।  

इससे पहले सरकारी वकील प्रियभूषण काकडे ने खंडपीठ को बताया गया कि कोस्टल रेग्युलेशन जोन (सीआरजेड) कानून से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने के लिए कई लोगों को नोटिस जारी की गई है। इसमे से 111 लोगों ने सिविल कोर्ट से स्टे आर्डर ले लिया है। इसलिए कार्रवाई का काम आगे नहीं बढ पाया है। जबकि 24 अवैध बंगले गिराए जा चुके हैं। इसके अलावा सिविल कोर्ट के स्टे आर्डर को भी चुनौती दी गई है। बुधवार को अलीबाग क्षेत्र में तुफान आने की आशंका के चलते मामले से जुड़े अधिकारी कोर्ट में हाजिर नहीं हो पाए हैं। क्योंकि इन अधिकारियों की वहां पर जरुरत है। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि आखिर कैसे अलीबाग में अवैध बंगलों का निर्माण हुआ। यह अधिकारियों की मिलीभगत से संभव हुआ है। इसलिए हम जानना चाहते हैं कि कैसे नियमों के विपरीत प्रभावशाली व बड़ी हस्तियों को बंगले के निर्माण की अनुमति दी गई। क्योंकि कोई बडा आदमी है इसलिए उस पर कानून लागू नहीं होता या फिर उसके लिए अलग कानून है? 

 

Created On :   6 Nov 2019 1:29 PM GMT

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