आधार कार्ड के नाम पर अवैध वसूली, इस तरह हासिल कर रहे आधार नंबर

Illegal fine on aadhar card and number in jabalpur MP
आधार कार्ड के नाम पर अवैध वसूली, इस तरह हासिल कर रहे आधार नंबर
आधार कार्ड के नाम पर अवैध वसूली, इस तरह हासिल कर रहे आधार नंबर

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। आधार सेंटर्स पर कार्ड बनवाने से लेकर प्रिंट निकलाने और इसमें सुधार करने के नाम पर अवैध वसूली की लगातार शिकायतें मिलती रहीं हैं। इस बार इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए कए आधार वेंडर पर नागरिकों के आधार नंबर एक ऐसी निजी साईट से लेने का आरोप लगा है, जिसकी विश्वनीयता ही संदेह के घेरे में है। इसके साथ वेंडर पर आधार कार्ड धारकों को PVC कार्ड बनाने लिए जबरन उकसाया जा रहा है। मामले में शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन हरकत में आ गया है और ई-गवर्नेंस विभाग के माध्यम से आधार वेंडर नरेश चौधरी को नोटिस जारी कर दिया गया है।

जारी नोटिस में कहा गया है कि आधार वेंडर द्वारा नागरिकों के आधार नंबर तथाकथित रुप से एक अविश्वसनीय वेबसाईट के जरिए हालिस किए जा रहे हैं। इसके साथ ही लोगों को PVC आधार कार्ड बनाने के लिए अनावश्यक रुप से प्रेरित किया जा रहा है और इसके लिए बकायदा अनाधिकृत रुप से ऐजेंटों और फ्रेंचाईजी को संलिप्त किया गया है। नोटिस में कहा गया है कि उक्त कृत्य आधार एक्ट 2016 एवं आईटी एक्ट 2010 का उल्लंघन करते हैं। एक्ट के अनुसार तकनीकी और सुरक्षा मापदण्डों के कार्य प्रतिबंधित हैं। आरोपी वेंडर को यह काम बंद करने में एक हफ्ते का समय दिया है। बताया जाता है कि उक्त अधिनियमों का उल्लंघन सिद्ध हाेने पर तीन साल तक की कारावास का प्रावधान है।

ब्लैक एंड व्हाईट प्रिंट ही काफी
सूत्रों की माने तो अधिकांश आधार वेंडर नागरिकों को कलर्ड प्रिंट आउट लेने और PVC कार्ड बनवाने के लिए दबाव बनाते हैं। इसके लिए वे कई बार लोगों को गुमराह भी करते हैं, कि ब्लैक एंड व्हाईट आधार वैद्य नहीं माना जाएगा। जबकि, आधार को रेग्यूलेट करने वाला संस्थान UIDAI द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया है आधार कार्ड का ब्लैक एंड व्हाईट प्रिंट किसी भी शासकीय व अशासाकीय संस्थान में वैद्य माना जाएगा। इसके लिए जरुरी नहीं कि कलर्ड प्रिंट निकाला जाए या फिर PVC कार्ड प्रस्तुत किया जाए।

अब ई-गवर्नेंस चलाएगा सेंटर
कलेक्ट्रेट स्थित सभी तहसील मुख्यालयों में संचालित हो रहे आधार सेंटर्स का संचालन अब जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी द्वारा किया जाएगा। सूत्रों की माने तो इस कड़ी में सबसे पहले कलेक्टर कार्यालय में स्थित आधार सेंटर में स्थिपित निजी वेंडर को हटाकर, ई-गवर्नेंस की टीम केन्द्र का संचालन करेगी। इसके लिए विभाग को किट भी मिल गई है। सूत्रों का कहना है कि आगामी 15 दिनों के अंदर सेंटर को हस्तांरित कर विभाग के कर्मचारियों को इसकी कमान सौंपी जाएगी। 

ई-गवर्नेंस सोसायटी के जिला प्रबंधक चित्रांशु त्रिपाठी ने कहा है कि कई आधार सेंटर्स की शिकायतें मिल रही हैं। इसी कड़ी में यह नोटिस जारी किया गया है। आने वाले दिनों में आधार केन्द्रों की जांच कर गड़बड़ी पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

Created On :   1 Oct 2017 6:21 PM GMT

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