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कर्मचारियों की मिलीभगम से हो रहा वन क्षेत्रों में अवैध खनन
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। आदिवासी अंचल हर्रई में लगे वन क्षेत्रों में सक्रिय रेत माफिया छिंदवाड़ा में खनन कर नरसिंहपुर में रेत सप्लाई कर रहे हैं। इस अवैध कारोबार में जिले के भी रेत ठेकेदार सक्रिय हैं। जिनके वाहनों से ही नरसिंहपुर रेत सप्लाई हो रही है। वन विभाग के अफसरों की मिलीभगत से ये पूरा खेल यहां खेला जा रहा है। जिसमें हर किसी का हिस्सा बंधा हुआ है।
हर्रई के बटकाखापा सहित अन्य क्षेत्रों में बड़े पैमान पर रेत का अवैध कारोबार किया जा रहा है। वनक्षेत्रों के छोटे-बड़े जलस्त्रोतों से निकलने वाली अवैध रेत को जगह-जगह भंडारित किया जा रहा है। इसी रेत की दिन के उजाले में आसपास के क्षेत्रों में सप्लाई की जाती है, लेकिन सबसे ज्यादा रेत नरसिंहपुर जिला नजदीक होने से पहुंचाई जाती है। इस अवैध कारोबार में छोटे से बड़े अधिकारी सीधे शामिल है।
कार्रवाई का डर नहीं, बड़े अधिकारी नहीं देते ध्यान
यहां सक्रिय रेत के अवैध कारोबारियों को कार्रवाई का भी डर नहीं है। दरअसल बड़े अफसरों की कभी इन क्षेत्रों में मॉनीटरिंग नहीं होती है। इस वजह से रेत कारोबार यहां पदस्थ अमले के साथ मिलकर ये कारोबार संचालित करते हैं। खबर तो ये भी है कि लाखों की रेत महीने भर में यहां निकाली जाती है।
बॉर्डर एरिया का फायदा
नरसिंहपुर,छिंदवाड़ा के बीच लगे बॉर्डर एरिया का यहां के रेत कारोबारी पूरा फायदा उठा रहे हैं। बताया जा रहा है कि दोनों जिलों के अंदरूनी मार्गों से होते हुए लाखों की रेत दूसरे जिलों में पहुंंच रही है। आदिवासी और दुर्गम मार्गो के कारण भी इन्हे पकड़ना यहां आसान नहीं है।
हर्रई में पकड़ाया एक वाहन
हर्रई में खनिज निरीक्षक पिंकी चौहान ने बुधवार को कार्रवाई करते हुए ट्रेक्टर क्रमांक एमपी 49 ए 9042 नंबर के वाहन को अवैध परिवहन करते हुए पकड़ा है। वाहन पर अवैध खनिज परिवहन का प्रकरण कायम करते मामला पंजीबद्ध किया गया है।
Created On :   6 Sep 2018 8:08 AM GMT