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लापरवाही से बच्ची की मौत के मामले में डॉक्टर दंपति फरार, तलाश में जुटी पुलिस

डिजिटल डेस्क, अमरावती। धामणगांव में 15 महीने की मासूम डॉक्टरों की लापरवाही का शिकार हो गई। जिसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद दंपति फरार हो गए। पुलिस उन्हें सरगर्मी से तलाश कर रही है। मामला 1 नवंबर का है। जब रेलवे स्टेशन के पास डॉ. अशोक सकलेचा के अभिषेक अस्पताल में 15 महीने की मासूम की मौत हो गई थी। मामले में शुक्रवार 10 नवंबर को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आते ही दत्तापुर पुलिस ने डॉ. अशोक सकलेचा और उनकी पत्नी सारिका सकलेचा के खिलाफ मामला दर्ज किया। इस बात की भनक डॉ. सकलेचा दम्पत्ति को लगते ही वह धामणगांव शहर से फरार हो गए। पुलिस उन्हें ढूंढ रही है। वर्धा जिले के समुद्रपुर तहसील में आने वाले मांडगांव निवासी अरुणा ठाकरे अपनी नन्ही बच्ची के साथ अपने मायके कावली वसाड आई थीं। उसी दिन सुबह अचानक बच्ची को उल्टी और पेट दर्द होने पर उसे तुरंत अभिषेक अस्पताल में भर्ती करवाया गया। बच्ची की हालत देखते डॉ. सकलेचा दंपति ने सलाईन लगाकर इलाज शुरु किया। लेकिन तीन घंटे के बाद बच्ची निधि ठाकरे की मौत हो गई।
गांववालों ने की थी जमकर तोड़फोड़
यह खबर गांव में हवा की तरह फैल गई। हंसती खेलती निधि की अचानक उल्टियां लगने के कारण से मौत हो गई। तभी गांव के सैकड़ों लोग अभिषेक अस्पताल में इकट्ठा हुए और अचानक ही माहौल बिगड़ गया। गुस्साएं परिजन ने अस्पताल का फर्नीचर जला दिया और तोडफ़ोड़ की। उस समय पुलिस ने बड़ी सतर्कता से माहौल शांत किया और बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जिसकी रिपोर्ट आते ही दत्तापुर पुलिस ने पीएसआई अरविंद कुमारे की शिकायत पर डॉ. अशोक सकलेचा और उनकी पत्नी डॉ. सारिका सकलेचा के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी।
फेफड़े में उल्टी जाने से हुई थी बालिका की मौत
डॉ. आशीष सालनकर, धामणगांव रेलवे ग्रामीण अस्पताल के मुताबिक अभिषेक अस्पताल में लड़की को भर्ती करने के बाद मौजूदा डॉक्टर ने बच्ची की जान बचाने के लिए आखिरी सांस तक प्रयास नहीं किया। क्योंकि निधि के फेफड़े में उल्टी चली गई, अगर आखिरी समय तक डाक्टर प्रयास करते तो शायद निधि की जान बच सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया, इसी वजह से डॉक्टर दंपति दोषी हैं।
Created On :   12 Nov 2017 4:06 PM IST