इस साल अप्रैल में मेलघाट में कुपोषण से गई 20 बच्चों की जान, सामाजिक कार्यकर्ता का दावा 

In April this year, 20 children died of malnutrition in Melghat, claims social worker
 इस साल अप्रैल में मेलघाट में कुपोषण से गई 20 बच्चों की जान, सामाजिक कार्यकर्ता का दावा 
हाईकोर्ट  इस साल अप्रैल में मेलघाट में कुपोषण से गई 20 बच्चों की जान, सामाजिक कार्यकर्ता का दावा 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अमरावती जिले के मेलघाट में अप्रैल 2022 में कुपोषण से 20 बच्चों की मौत हुई है। इन बच्चों की उम्र शून्य से 6 साल के बीच थी। राज्य के आदिवासी इलाकों में काम करनेवाले सामाजिक कार्यकर्ता बी.साने ने बांबे हाईकोर्ट में यह दावा किया। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ को बताया कि मेलघाट में अभी भी बच्चों के डाक्टर नहीं है। स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति ठीक नहीं है। जिससे परेशानी बढ रही है। 

साने कहा कि मेलघाट में कुपोषण व स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति के मुद्दे को लेकर आईपीएस अधिकारी व डाक्टर छेरिंद दोर्जे ने काफी विस्तृत व व्यापक रिपोर्ट दी है किंतु इस रिपोर्ट को नीतिगत जामा पहनाने की दिशा में ठोस पहल नहीं हो रही है। श्री दोर्जे ने कोर्ट के निर्देश के तहत मेलघाट सहित अन्य आदिवासी इलाकों का दौरा करने के बाद कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौपी थी। इस रिपोर्ट की हाईकोर्ट ने भी सराहना की है। हाईकोर्ट में मेलघाट में कुपोषण से बच्चों व महिलाओं की मौत व आदिवासी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को लेकर डाक्टर राजेंद्र बर्मा व सामाजिक कार्यकर्ता साने की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। 

सोमवार को सरकारी वकील प्रियभूषण काकणे ने खंडपीठ के सामने कहा कि इस मामले की पैरवी करनेवाली अतिरिक्त सरकारी वकील नेहा भिड़े कोविडग्रस्त हो गई हैं। इसलिए मामले को लेकर सरकारी अधिकारियों से जरुरी निर्देश नहीं मिल पाए हैं। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई एक सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी। किंतु अगली सुनवाई के दौरान सरकार को मामले में उठाए गए कदमों की जानकारी देने को कहा है। 
 

Created On :   27 Jun 2022 9:25 PM IST

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