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ड्रग्स के मामले में हेड कांस्टेबल ही ले सकता है आरोपी की तलाशी, मिली जमानत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मादक पदार्थ (ड्रग्स) के साथ पकड़े गए एक आरोपी को इसलिए जमानत प्रदान की है। क्योंकि उसकी तलाशी अनधिकृत पुलिसकर्मी ने ली थी। नियमानुसार ऐसे मामले में आरोपी की तलाशी का अधिकार हेड कांस्टेबल स्तर के पुलिसकर्मी को होता है लेकिन मौजूदा मामले में आरोपी की तलाशी पुलिस नाईक ने ली थी। इस नियम के उल्लंघन के मद्देनजर न्यायमूर्ति भारती डागरे ने आरोपी हाजी मोहम्मद अब्दुल कादर को जमानत प्रदान की है।
काशीमीरा पुलिस स्टेशन ने आरोपी को 5 जनवरी 2021 को गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस कानून की धारा 8सी, 22सी, 29 के तहत मामला दर्ज किया था। मामले की जांच के दौरान जब आरोपी की तलाशी ली गई तो उसकी जेब से प्रतिबंधित पदार्थ मिला। लेकिन आरोपी ने दावा किया कि उसे झूठे मामले में फंसाया गया है।
न्यायमूर्ति डागरे के सामने आरोपी के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। इस दौरान आरोपी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अयाज खान ने कहा कि राज्य के गृह विभाग की ओर से 14 नवंबर 1985 को जारी अधिसूचना के अनुसार एनडीपीएस कानून के तहत हेड कांस्टेबल स्तर के अधिकारी को ही आरोपी की तलाशी के लिए प्राधिकृत किया गया है। लेकिन मेरे मुवक्किल के मामले में पुलिस नाईक स्तर के अधिकारी ने तलाशी ली है। जबकि वह तालाशी के लिए प्राधिकृत नहीं है।
सरकार की ओर से 1985 में जारी अधिसूचना परिपत्र के रुप में अभी भी कायम है। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने माना की सहायक पुलिस निरीक्षक की मौजूदगी में आरोपी की तलाशी पुलिस नाईक ने ली थी। इस तरह न्यायमूर्ति ने कहा कि इस मामले में तलाशी लेने से जुड़े नियम का उल्लंघन हुआ है। इसके अलावा आरोपी की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है। इसलिए आरोपी को 50 हजार रुपए के मुचलके पर सशर्त जमानत प्रदान की जाती है।
Created On :   1 Sept 2022 9:57 PM IST