बेटे को MBBS करवाने की चाह में 10 लाख रुपए की लग गई चपत, एडमिशन के नाम पर ठगी

In the name of enrolling in MBBS a man did a fraud of 10 lac rs
बेटे को MBBS करवाने की चाह में 10 लाख रुपए की लग गई चपत, एडमिशन के नाम पर ठगी
बेटे को MBBS करवाने की चाह में 10 लाख रुपए की लग गई चपत, एडमिशन के नाम पर ठगी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। MBBS में दाखिला दिलाने के नाम पर आरोपी ने एक पिता-पुत्र को 10 लाख रुपए की चपत लगा दी। सोनेगांव स्थानांतर्गत होटल थोराइन में घटना हुई है। दो व्यक्ति वर्धा के महात्मा गांधी केटी कॉलेज में प्रवेश दिलाने के नाम पर 10 लाख रुपए लेकर चंपत हो गए। सोनेगांव पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिला है। 

वर्धा में एडमिशन दिलाने की हुई थी बात
बातचीत के दौरान चिराग का दाखिला वर्धा के महात्मा गांधी केटी कॉलेज में कराना तय हुआ था। इस सिलसिले में 6 से 26 जुलाई तक लगातार शर्मा पिता-पुत्र की रतन से बात होती रही। इस बीच  पिता-पुत्र नागपुर आए और सोनेगांव थानांतर्गत सोमलवाड़ा स्थित होटल थोराइन में रुके। वहीं पर रतन को भी मिलने बुलाया गया था, लेकिन रतन मिलने नहीं आया, बल्कि अपने दो साथियों को भेजा। 

सावनेर की मिली थी लोकेशन
इस मामले में देर रात प्रकरण दर्ज किया गया। बरामद फोन नंबर से साइबर सेल की मदद से पुलिस रतन का लोकेशन खंगालने में लगी रही। देर रात रतन का लोकेशन सावनेर में मिला था। पुलिस तुरंत वहां पहुंची, तब तक रतन के मोबाइल का लोकेशन बंद हो गया था, जिससे पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा। 

वाट्सएप पर आया था संदेश
जांच अधिकारी कदम के अनुसार हरियाणा के फरीदाबाद (वर्तमान में चंडीगढ़) निवासी गोविंद शर्मा किसी कंपनी में उच्च पद पर हैं। 6 जुलाई 2018 को उनके वाट्सएप नंबर पर रतन रॉय नामक व्यक्ति का संदेश आया था। संदेश में नागपुर के मेडिकल कॉलेज, लता मंगेशकर, महात्मा गांधी केटी कालेज वर्धा में MBBS में दाखिले के लिए संपर्क करने को कहा गया था।

इसी वर्ष गोविंद के पुत्र चिराग शर्मा ने कक्षा 12वीं पास की है। गोविंद को अपने पुत्र का दाखिला MBBS में कराना था, मगर चिराग को कम अंक मिले थे इसलिए सरकारी कोटे से उसका दाखिला होना संभव नहीं था। इस बारे में जब गोविंद और चिराग ने रतन रॉय से फोन पर बात की, तो रतन ने कहा कि वह भी उन्हीं के क्षेत्र का निवासी है और नागपुर में लंबे समय तक रहा है। कॉलेज प्रबंधन से करीबी संबंध होने के नाते वह प्रबंधन कोटे से दाखिला करवा सकता है, लेकिन इसके लिए रकम खर्च करनी होगी। 

करते रहे इंतजार
होटल में ही पिता-पुत्र ने रतन रॉय द्वारा भेजे गए दोनों व्यक्तियों को 10 लाख रुपए नकद दे दिए। बाद में रतन से भी रुपए मिलने की पुष्टि की गई। दूसरे दिन सभी को वर्धा जाना तय था। इसके लिए रतन ने कार भेजने का वादा किया था। लिहाजा पिता-पुत्र वर्धा जाने की तैयारी कर रतन की कार का इंतजार करते रहे। काफी देर बाद भी रतन की कार अथवा उसका फोन नहीं आने से परेशान शर्मा पिता-पुत्र दिन भर उसे फोन लगाते रहे, मगर उसका फोन बंद था। इससे उन्हें ठगे जाने का संदेह हुआ और मामला थाने पहुंचा। 

Created On :   28 July 2018 10:45 AM GMT

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