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इन मामलों में हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश की अवधि को 31 जनवरी 2021 तक बढ़ाया

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने ढांचे को गिराने,निष्कासन व जगह से बेदखल किए जाने के संबंध में जारी किए गए आदेश पर लगाई गई रोक को 31 जनवरी 2021 तक के लिए बढ़़ा दिया है। लिहाजा इस तरह के जारी आदेश के आधार पर कार्रवाई नहीं की जा सकती है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की अगुवाई वाली चार न्यायमूर्तियों की पीठ ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। खंडपीठ का यह आदेश उच्च न्यायालय की नागपुर, औरंगाबाद व गोवा पीठ पर भी लागू होगा। मुख्य न्यायाधीश ने इस विषय पर अंतरिम आदेश को आगे बढाते हुए कहा कि अब न्याय के दरवाजे तक लोगों का पहुंचना आसान दिख रहा है। इसलिए सिर्फ 31 जनवरी 2021 तक ही कार्रवाई की पर रोक लगाने से जुड़े आदेश को बढाया जा रहा है। इसके बाद सार्वजनिक प्राधिकरण अपने आदेश के मुताबित कानून के हिसाब से काम कर सकेगे। यदि पक्षकार प्राधिकरण के आदेश से खुद को प्रभावित महसूस करेगे तो वे संक्षम प्राधिकरण के सामने राहत के लिए आवेदन कर सकेंगे।
अरोग्य सेतु एप इंस्टाल न करने पर पासपोर्ट सेवा केंद्र में प्रवेश न देने का मामला
मोबाइल फोन में अरोग्य सेतु एप इंस्टाल न किए जाने के चलते क्षेत्रिय पासपोर्ट सेवा केंद्र में प्रवेश न दिए जाने के मामले को लेकर दायर याचिका पर बांबे हाईकोर्ट केंद्र सरकार व क्षेत्रिय पासपोर्ट कार्यालय(मुंबई) से जवाब मांगा है। यह याचिका पेशे से आर्किटेक्ट तान्य महानजन ने दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि अरोग्यय सेतु एप फोन में इंस्टाल करने का नियम जबरन उन पर थोफा जा रहा है। यह उनके निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है। क्योंकि अरोग्य सेतु एप मोबाइल में इस्टाल करना ऐच्छिक है। क्योंकि इस विषय पर जारी दिशा-निर्देशों में इस एप को इंस्टाल करने की सिर्फ सलाह दी गई है। इसलिए अरोग्य सेतु एप को जबरन थोपना असंवैधानिक है। याचिका में महानजन ने कहा है कि 3 सितंबर 2020 को वे पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए मलाड के पासपोर्ट सेवा केंद्र में गई थी। इस दौरान उन्होंने कोरोना रोकने से जुड़े सभी उपायों का पालन किया था। चूंकि उनके मोबाइल फोन में अरोग्य सेतु एप इंस्टाल नहीं था इस वजह से मुझे पासपोर्ट सेवा केंद्र(मलाड) में प्रवेश नहीं दिया गया है। याचिका के अनुसार यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुटटास्वामी मामले में दिए गए फैसले के खिलाफ है। इसके साथ ही यह केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के विपरीत है। क्योंकि अरोग्य सेतु एप इंस्टाल करना नागरिकों को बाध्यकारी नहीं किया गया है। इसलिए क्षेत्रिय पासपोर्ट कार्यालय को निर्देश दिया जाए कि उसे सिर्फ यह एप इंस्टाल न करने की वजह से पासपोर्ट सेवा केंद्र की किसी सेवा से वंचित न किया जाए। जिन लोगों ने यह एप नहीं डाउनलोड किया है। उन्हें भी पासपोर्ट सेवा केंद्र में जाने की इजाजत दी दाए। बुधवार को यह याचिका न्यायमूर्ति उज्जल भूयान की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने केंद्र सरकार व क्षेत्रिय पासपोर्ट कार्यालय को नोटिस जारी किया। यहीं इन्हे याचिका पर जवाब देने के लिए भी कहा गया है। खंडपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 7 जनवरी 2021 तक के लिए स्थगित कर दी है।
Created On :   9 Dec 2020 9:54 PM IST