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100 % वैक्सीनेशन से मास्क फ्री हो सकता है भारत- वक्त पर इलाज मिला तो मृत्युदर भी जीरो संभव

डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश के सभी नागरिकों को कोरोना टीका लगाए जाने के बाद इस महामारी से बचाव के लिए मास्क की जरुरत नहीं पड़ेगी। उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट फोरम द्वारा आयोजित द्वितीय अंतराष्ट्रीय वेबिनार "कोविड, बचाव दवाई और टीकाकरण" में भारतीय मूल के स्वीडन स्थित चिकित्सा वैज्ञानिक डॉ रामशंकर उपाध्याय ने यह बात कही। डा उपाध्याय वर्तमान में लक्साई लाइफ साइंस के सीईओ के साथ अमेरिका स्थित ओम ओंकोलॉजी के चीफ साइंटिफिक अफसर हैं और जिन्होंने 15 दवाइयों में पेटेंट हासिल किया है। डा उपाध्याय द्वारा कोरोना पर विकसित दो दवाइयों को भारत सरकार ने द्वितीय फेज के क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दी है।
इलाज में देरी से बढ़ती है परेशानी
डॉ राम का मानना है की उचित समय पर इलाज चालू होने पर कोरोना मृत्यु दर को शून्य किया जा सकता है इसलिए मौसमी बुखार या अन्य सामान्य कारणों से जनता को समय नहीं पास करना चाहिए जितने मरीज क्रिटिकल हुए या जिनकी मृत्यु हुई उनमें से ज्यादातर वहीं हैं जिन्होंने कोरोना के शुरुवाती इलाज में देरी की। रेमडेसिविर फैबि फ्लू और टोकीलीज़ुमैब इंजेक्शन को लेकर हो रही मारा मारी और कालाबाजारी के बीच उनका मानना है की यह कोरोना के इलाज की प्रामाणिक दवाई नहीं है। इसके मुकाबले 20 पैसे की स्टेरॉयड और 10 रूपये पत्ते वाली कोल्चिसिन का कॉम्बिनेशन ज़्यादा कारगर है। उचित समय पर और डॉक्टर के सुपरविजन में इसे ले लिया जाय तो इन महंगी दवाइयों या ऑक्सीजन या वेंटिलेटर लेवल पर जाने की नौबत नहीं आएगी।
डॉ उपाध्याय के अनुसार टीकाकरण के साथ कुछ एहतियात जरुरी है, यदि आपको पहले से कोई बीमारी है तो अपने डॉ की सलाह से कवर ट्रीटमेंट के साथ टीकाकरण कराएं और दो टीका के बीच मान्य गैप से ज्यादा गैप न रखें और टीकाकरण पूरा होने के अपना एंटीबाडी टेस्ट जरूर कराएं। पहले टीका के बाद जब तक एंटीबाडी विकसित नहीं होती तब तक बाहर न निकले और मास्क पहने रहना ही उचित है।
डॉ राम का कहना है कि हम कोविड उपयुक्त व्यवहार, वैक्सीनेशन, उचित इलाज प्रोटोकाल और दवाईयां लेकर इस महामारी को भी उसी तरह हरा सकते हैं जैसे वायरस वाली अन्य बीमारियां पर काबू पा चुके हैं जो सालों से हैं, लेकिन अब वे महामारी नहीं मानी जाती। उन्होंने कहा कि इसके के लिए भारत सरकार को एक हेल्थ एडवाइजरी बोर्ड बनाना चाहिए जिसमें देश विदेश के भारतीय वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और डॉक्टर शामिल हों और वह तय करें कि कोविड प्रबंधन, प्रशासन कैसा हो क्यों की यह मेडिकल का विषय है सामान्य प्रशासन का नहीं। इसके लिए विदेशों में रह रहे हम जैसे प्रवासी वैज्ञानिक हमेशा देश को योगदान देने के लिए तैयार हैं।
महिलाओं को कोरोना और वैक्सीनेशन से हो रही विशेष समस्याओं के लिए लंदन से डॉ दीप्ती गुप्ता ने भी वेबिनार को सम्बोधित किया। वेबिनार के संयोजक और संचालक सीए पंकज जायसवाल के अनुसार कोरोना पर भारत में शत प्रतिशत नियंत्रण पाया जा सकता है देश के सभी नगरपालिका मुंबई के बीएमसी प्रबंधन को अपनाएं इससे ना वो अपने नगर को स्वस्थ रखेंगे बल्कि आसपास के गांवों के कोरोना नियंत्रण में भी आसानी होगी।
Created On :   26 April 2021 5:55 PM IST