परिवार की अनोखी पहल : जल संरक्षण का संदेश लेकर कर रहे भारत यात्रा

India tour carrying message of water conservation
परिवार की अनोखी पहल : जल संरक्षण का संदेश लेकर कर रहे भारत यात्रा
परिवार की अनोखी पहल : जल संरक्षण का संदेश लेकर कर रहे भारत यात्रा

डिजिटल डेस्क,नागपुर। जल संरक्षण का संदेश लेकर पूरे देश की यात्रा पर निकले डॉ. ए.के. रस्तोगी  नागपुर पहुंचे। एक सितंबर को दिल्ली से शुरू हुई यात्रा के बाद रस्तोगी दो बेटों अमन और अंकुश रस्तोगी के साथ कार से हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, मध्यप्रदेश में हजारों लाेगों तक अपना संदेश पहुंचा चुके हैं। उन्होंने बताया कि, केबल व्यवसायी होने के कारण इस व्यवसाय से जुड़े बड़ी संख्या में लोगों के साथ उनका अपना तंत्र है और वे आसानी से समाज के लिए उपयोगी संदेश उन तक पहुंचा सकते हैं।

अब तक कर चुके हैं 15 यात्राएं 

डॉ. रस्तोगी अब तक देश की 15 बार यात्रा कर चुके हैं। हर बार वे अलग-अलग संदेश लेकर यात्रा पर निकलते हैं। इसके पूर्व उन्होंने स्वच्छता और जलवायु परिवर्तन जैंसे मुद्दों पर यात्राएं की हैं। यात्रा के दौरान वे हर जगह स्कूलों में जाकर बच्चों तक मुहिम का संदेश पहुंचाते हैं। 

अबकी बार पानी है बचाना

रस्तोगी के अनुसार नित आ रही नई-नई तकनीक के कारण भी पानी की बर्बादी हो रही है। आरो, एसी और वॉशिंग मशीन जैसे उपकरणों के कारण पानी की बर्बादी रोकने के लिए लोगों को जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने इस यात्रा के दौरान नारा दिया है "टेक्नोलॉजी का जमाना है, अबकी बार पानी बचाना है", यह संदेश जन-जन तक पहुंचाना है।

ज्ञान बढ़ाने के लिए पुस्तक पढ़ना आवश्यक

तिरपुड़े समाजकार्य महाविद्यालय के ग्रंथालय विभाग की ओर से डॉ. एस.आर. रंगनाथन जयंती के अवसर पर पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. दीपक मसराम ने किया। भित्तिचित्र प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें विद्यार्थियों ने ग्रंथालय, पुस्तक, पठन आदि के महत्व से संबंधित विभिन्न विषयों पर भित्तिचित्र प्रदर्शित किए। कार्यक्रम अध्यक्ष श्री मसराम ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन हुए बताया कि, विद्यार्थी जीवन में पुस्तक पढ़ने की रुचि को बढ़ाना क्यों आवश्यक है। ज्ञान के भंडार को बढ़ाने के लिए निरंतर पढ़ते रहना आवश्यक है। कार्यक्रम का संचालन पल्लवी जांभुनकर ने किया। उन्होंने विद्यार्थियों को महाविद्यालय में पुस्तकों के साथ-साथ उपलब्ध अन्य ई-सामग्री, मासिक पत्र-पत्रिकाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम को सफल बनाने में हेमंत खेडीकर, स्मिता भेलावे का योगदान रहा। 
 

Created On :   2 Oct 2019 10:53 AM GMT

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