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RTO का दोहरा रवैया : निजी स्कूल वाहनों पर कार्रवाई, स्कूल से संचालितों को छूट
डिजिटल डेस्क, बालाघाट। जिले के परिवहन कार्यालय की कार्यप्रणाली हमेशा अखबारों की सुर्खियां रही है। फिर वह परमिट घोटाला हो या फिर परिवहन कार्यालय में बाहरी लोगों के प्रवेश और यहां बैठकर शासकीय कार्यो को संपादन करने का मामला हो। कलेक्टर के नाक के नीचे संचालित इस कार्यालय में परिवहन अधिकारी और बाबुओं की मर्जी चलती है। प्रदेश के इंदौर में स्कूल वाहन हादसे के बाद चेती सरकार के निर्देश पर पूरे प्रदेश के जिले में परिवहन विभाग द्वारा परिवहन नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूल वाहनों पर कार्रवाई की जा रही ही है।
बालाघाट में विगत दो दिनों से परिवहन विभाग की कार्रवाई परिवहन अधिकारी की अनुपस्थिति में परिवहन चौकी रजेगांव के प्रभारी श्री अहिरवार द्वारा की जा रही है, जिसमें उनके द्वारा दो दिनों में तीन बस सहित 17 वाहनों पर यातायात नियमों के उल्लंघन करने के मामले में कार्रवाई की गई है। परिवहन विभाग की कार्रवाई की जद में निजी मैजिक स्कूल वाहन को निशाना बनाया गया है। जबकि स्कुल से संचालित मैजिक स्कूल वाहनों पर विभागीय कार्रवाई नजर नहीं आ रही है। जिससे निजी मैजिक स्कूल वाहन संचालित करने वाले सभी वाहन मालिकों ने आज 11 दिसंबर को परिवहन विभाग की मनमर्जी, तानाशाही और भेदभावपूर्ण रवैये के खिलाफ मैजिक स्कूल वाहनों को बंद कर दिया। जिससे सुबह से ही अभिभावक बच्चों को स्कुल भेजने में परेशान दिखाई दिए।
परमिट नहीं होने पर की कार्रवाई
इंदौर स्कूल बस हादसे के खिलाफ पूरे प्रदेश में परिवहन विभाग द्वारा कार्रवाई की जा रही है किन्तु बालाघाट में परिवहन द्वारा की जा रही कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे है। बताया जाता है कि शहर में विभिन्न स्कुलों के बच्चों को स्कुल छोड़ने और लाने के काम में लगी मैजिक स्कूल वाहन को रोजगार के रूप में सरकार से लोन लेकर निजी तौर पर मैजिक वाहन संचालक चला रहे है। जिन्हें परिवहन विभाग की टीम ने परमिट नहीं होने पर जब्त कर लिया है। जबकि दूसरी ओर जो मैजिक स्कुल वाहन स्कुल से संचालित किए जा रहे है, वे धड़ल्ले से बच्चों को लेकर रोड पर दौड़ रहे है। इसके अलावा शहर में ही निजी ऑपरेटर की बस स्कूल बस के लिए निर्धारित नियमों का उल्लंघन करते हुए चलाई जा रही है, वह विभाग को नजर नहीं आ रही है और छोटे-छोटे मैजिक वाहन संचालक, जो वाहन की बैंक की किश्त और अपना जीवनयापन करने निजी तौर पर मैजिक वाहन चला रहे है, उन पर डंडा चलाया जा रहा है। जिससे परिवहन विभाग की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे है।
परमिट दिए जाने की मांग
परिवहन विभाग की मनमर्जी, तानाशाही और भेदभावपूर्ण कार्रवाई से आहत मैजिक स्कूल वाहन संचालकों ने आज 11 जनवरी को अपने वाहनों को बंद कर परिवहन विभाग की कार्रवाई का विरोध करते हुए जिला प्रशासन से परमिट दिए जाने की मांग की है। मैजिक स्कूल वाहन संघ पदाधिकारी विकास हजारी ने बताया कि किसी भी प्रकार की दुर्घटना पर सबसे पहले निशाना मैजिक वाहनों को बनाया जाता है और इस बार भी वहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वाहनों के परमिट के लिए कई बार मैजिक वाहन संचालक परिवहन कार्यालय में आवेदन किए है किन्तु उन्हें परमिट नहीं दिया जा रहा है। जबकि तत्कालीन कलेक्टर भरत यादव के दौरान स्कूल बच्चों को वाहनांे संचालन नहीं होने से होती परेशानियों को देखते हुए शहर में परमिट की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। अब फिर मैजिक वाहनों के लिए परमिट की बात कही जा रही है और वह परिवहन कार्यालय से नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैजिक स्कूल वाहन का संचालन कर रहे सभी वाहन ऑनर्स परिवहन विभाग के पूरे निर्देशों का पालन कर रहे है फिर भी उन्हें परमिट नहीं देकर परमिट के नाम पर कार्रवाई कर प्रताड़ित किया जा रहा है।
नियमानुसार परमिट जारी नहीं हो सकता
एक ओर विभाग का कहना है कि स्कूल बच्चों को छोड़ने को संचालित की जानी वाले मैजिक वाहन को परमिट परिवहन नियमों के तहत दिया ही नहीं जा सकता। उन्हें केवल ग्रामीण क्षेत्र के लिए परमिट प्रदाय किया जा सकता है। फिर कैसे बिना परमिट के स्कुलों से संचालित की जाने वाली मैजिक वाहन चल रहे है। परिवहन विभाग द्वारा इंदौर हादसे के बाद बालाघाट में स्कूल बच्चों को स्कुल ले जाने और लाने लगे निजी मैजिक स्कूल वाहन के खिलाफ परमिट के नाम पर कार्रवाई को लेकर विरोध के स्वर सुनाई देने लगे है। जिले में मैजिक स्कूल वाहनों को लेकर की जा रही भेदभावपूर्ण कार्यप्रणाली से आक्रोश नजर आ रहा है।
स्कूल मैजिक वाहन नहीं चलने से स्कूल बच्चे और अभिभावक परेशान
11 जनवरी गुरूवार को परिवहन विभाग की कार्रवाई से आक्रोशित निजी मैजिक स्कूल वाहन के संचालकों ने अपने वाहनों को बंद कर विरोध दर्ज किया। जिससे स्कुल के समय वाहन नहीं आने से स्कूल बच्चे और अभिभावक काफी परेशान दिखे। घर में परिवार का कोई सदस्य नहीं होने के कारण कई बच्चों को पैदल ही स्कुल तक का रास्ता नापना पड़ा। जबकि कई अभिभावक अपने-अपने साधन से बच्चों को लेकर स्कुल पहुंचे।
परिवहन अधिकारी संतोष पॉल ने कहा है कि टाटा मैजिक वाहन को कायदे के अनुसार परमिट जारी नहीं किया जा सकता है। स्कूल वाहनों में सुप्रीम कोर्ट की गाईडलाईन के अनुसार सुविधायें होना जरूरी है। जिन वाहनों में नियमों का उल्लंघन किया जा रहा था, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।
Created On :   11 Jan 2018 10:38 PM IST