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हाईकोर्ट : रेलवे आरक्षण जैसी हो अस्पतालों में रिक्त बेड की जानकारी, कोस्टल रोड प्रोजेक्ट के लिए पेड़ों की कटाई पर रोक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार अस्पतालो में बिस्तर की उपलब्धता की ताजा जानकारी देने के लिए रेलवे व एयर ट्रैफिक कंट्रोल विभाग से मदद ले। कोर्ट ने कहा रेलवे में जैसे सीटों की उपलब्धता व ट्रेन के आने जाने की जानकारी पल पल उपलब्ध होती रहती है, उसी तरह अस्पतालो में उपलब्ध बिस्तर की जानकारी भी लोगों को मिले। कोर्ट ने इसके लिए सरकार को रेलवे व विशेषज्ञयो में मदद लेने पर विचार करने को कहा है। इससे पहले अदालत ने कोरोना के इलाज के लिए जरूरी रेमडेसिविर इंजेक्शन व दूसरी दवाएं निजी लोगों के पास पहुचने के मामले में राज्य सरकार के नरम रूख पर नाराजगी जाहिर की। इस दौरान कोर्ट ने ऑक्सीजन की मांग पर भी सवाल उठाए। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील राजेश इनामदार ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ को बताया कि सरकार ऐसे लोगों के प्रति कार्रवाई को लेकर गंभीर नहीं है जो निजी स्तर पर कोरोना की दवाएं हासिल कर रहे है। इस मामले में उन्हें पता चला है कि सिर्फ दो लोगों को नोटिस जारी की गई है। मिली जानकारी के मुताबिक यह नोटिस विधायक जिशान सिद्दिकी व सोनू सूद के फाउंडेशन को जारी की गई है। वहीं सरकारी वकील अक्षय शिंदे ने कहा कि निजी अस्पतालों में दवाओं का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है। सरकार ने कोरोना की दवाओं के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। इसके अलावा बेड प्रबंधन के लिए डैश बोर्ड तैयार कर रहे हैं। इस पर खंडपीठ ने कहा कि क्या सरकार ने निजी अस्पतालों का कोई ऑडिट कराया है। खंडपीठ ने कहा कि दवाए निजी लोगों तक कैसे पहुंच रही है। इस पर नजर रखी जाए। क्योंकि किसी को भी लोगों के जीवन से खिलवाड़ की इजाजत नहीं दी जा सकती। खंडपीठ ने कहा दावाओंकी आपूर्ति को लेकर ठोस कदम उठाए जाए नहीं तो हम अगली सुनवाई के दौरान राज्य के मुख्य सचिव को बुलाने पर विचार करेंगे।
कोस्टल रोड प्रोजेक्ट के लिए पेड़ों की कटाई पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
वहीं बॉम्बे हाईकोर्ट ने 21 मई 2021 तक कोस्टल रोड प्रोजेक्ट के लिए पेड़ों के काटने पर रोक लगा दी है। दक्षिण मुंबई में टाटा उद्यान के पास इस प्रोजेक्ट के लिए 61 पेड़ काटे जाने हैं। जिसके खिलाफ एक गैर सरकारी संस्था ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। बुधवार को अवकाशकालीन न्यायमूर्ति एस जे काथावाला की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान मुंबई महानगरपालिका की ओर से बताया गया है कि वृक्ष प्राधिकरण ने पेड़ों को काटने की अनुमति दी है। काटे जाने वाले 61 पेड़ काटे जाएंगे जबकि 79 पेड़ ट्रांसप्लांट किए जाएंगे। कुछ पेड़ काटे जा चुके हैं। इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि हम प्राधिकरण के निर्णय को चुनौती देना चाहते हैं। इसके बाद खंडपीठ ने अगली सुनवाई तक पेड़ों को काटने पर रोक लगा दी और याचिका पर सुनवाई 21 मई 2021 तक के लिए स्थगित कर दी।
Created On :   19 May 2021 9:21 PM IST