VNIT की पहल : विद्यार्थी हो या प्रोफेसर, यहां सभी को चलानी होगी साइकिल

Initiative of VNIT : Students or professors bicycles is compulsory for everyone
VNIT की पहल : विद्यार्थी हो या प्रोफेसर, यहां सभी को चलानी होगी साइकिल
VNIT की पहल : विद्यार्थी हो या प्रोफेसर, यहां सभी को चलानी होगी साइकिल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्रदूषण को लेकर अब भी देश में ज्यादा जागरूकता नहीं है, लेकिन उपराजधानी के एक शिक्षा संस्थान VNIT ने नई पहल की है। इसके तहत VNIT परिसर को पूरी तरह से वाहनमुक्त बना दिया गया है। यहां एडमीशन के लिए साइकिल जरूरी है। पूरे इलाके में विद्यार्थियों को केवल साइकिल का ही इस्तेमाल करनी की इजाजत है। इतना ही नहीं शिक्षकों एवं कर्मचारियों के लिए भी वाहनों को सीमित स्थान तक ही अनुमति दी गई है। संस्थान के प्रयास से करीब 8,000 विद्यार्थी और शोधार्थी साइकिल पर चलते नजर आते हैं। इस नियम के लागू करने के पीछे की प्रमुख वजह प्रदूषणमुक्त पर्यावरण और विद्यार्थी की सुरक्षा को बताया जा रहा है।

लंबे- चौड़े और हरे भरे परिसर में विद्यार्थियों को साइकिल से ही चलने की अनुमति होती है। हालांकि इसके साथ ही पैदल भी चलने का पर्याय भी मौजूद है, लेकिन विद्यार्थी साइकिल से ही चलने को प्राथमिकता देते हैं। इतना ही नहीं शहर में रहने वाले विद्यार्थियों ने भी अपनी साइकिल को परिसर में रखा हुआ है। विद्यार्थी अपने वाहनों को मुख्य गेट के समीप पार्किंग में रखने के बाद साइकिल से ही चलते हैं।  

क्यों करना पड़ा ऐसा   
करीब 7 साल पहले तक संस्थान में साइकिल की अनिवार्यता का नियम नहीं था। शहर के साथ ही अन्य राज्यों से आने वाले विद्यार्थी भी धड़ल्ले से वाहनों का इस्तेमाल करते थे। एक दिन शाम के समय बजाज नगर गेट के समीप एक विद्यार्थी दुर्घटना का शिकार हो गया। इसमें छात्र की रीढ़ की हड्डी में गहरी चोट आई थी और उसे करीब 1 साल तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा था। इसके बाद विद्यार्थियों की सुरक्षा और परिसर की हरियाली को बचाए रखने के उद्देश्य से संस्थान प्रबंधन ने साइकिल को अनिवार्य करने का नियम बना दिया। 

आने-जाने में साइकिल का उपयोग
देश के प्रतिष्ठित अभियांत्रिकी संस्थान के रूप में VNIT शामिल है। संस्थान में ग्रेजुएशन कोर्स के लिए 9 संकाय मैकेनिकल, सिविल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कम्प्यूटर साइंस, केमिकल, मेट्रालॉजी, माइनिंग एवं आर्किटेक्ट इंजीनियरिंग हैं। केन्द्रीकृत प्रवेश व्यवस्था के तहत विद्यार्थियों को प्रवेश मिलता है। ग्रेजुएशन के 9 संकाय में 3500 से अधिक विद्यार्थी हैं। इसके अलावा 23 शाखाओं में पीजी कोर्स और पीएचडी पाठयक्रम भी संचालित होते हैं।

इन दोनों काेर्स में करीब 1500 विद्यार्थी होते हैं। इन विद्यार्थियों में करीब 75 फीसदी विदर्भ के अलग-अलग शहरों एवं अन्य राज्यों से हैं। इनके लिए कैम्पस परिसर में ही छात्रावास की व्यवस्था है। छात्रावास से अपने डिपार्टमेंट, लाइब्रेरी और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स जाने के लिए विद्यार्थी साइकिल का उपयोग करते हैं। विद्यार्थी आधुनिकता और पर्यावरण के बीच समन्वय बनाते हुए नजर आ रहे हैं। विद्यार्थियों ने पर्यावरण की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लाभ के मद्देनजर साइकिल को एक अवसर माना है।

देश में पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है। लगातार वाहनों की संख्या में इजाफा होने से वातावरण में बड़े पैमाने पर कार्बन फैल रहा है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों को 2022 तक लागू करने का लक्ष्य रखा है। इतना ही नहीं निजी वाहनों की बजाय बस, ट्रेन जैसे सार्वजनिक वाहनों का ज्यादा इस्तेमाल करने की सलाह भी दी जा रही है। 

Created On :   27 Aug 2018 2:42 PM GMT

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